शिविर के सातवें दिन “गुरुवाणी, सबद-कीर्तन व सर्वधर्म प्रार्थना” हुई

शिविर के सातवें दिन “गुरुवाणी, सबद-कीर्तन व सर्वधर्म प्रार्थना” हुई
कवर्धा छत्तीसगढ़
“”सभी धर्मगुरूओं की वाणी, “गुरुग्रंथ” में समाहित है, गुरू समाज-राष्ट्र व व्यक्ति को सही मार्गदर्शन करता है, सभी ग्रंथों व धर्मों का मूलमंत्र, प्राणीमात्र का भला करना है’.यह विचार गुरूद्वारा गुरू सिंघ सभा के व्याख्याकार सरदार गुरदीप सिंह “वीर जी”व्यक्त कर रहे थे,उन्होंने बताया कि ईश्वर, भगवान एक है, ईश्वर की प्रार्थना व उनकी प्राप्ति के राह, धर्म अनुसार अलग- अलग है। इसलिए सभी धर्मों का हमें समान रूप से सम्मान की नजर से देखना चाहिए। अवसर था , शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय-दशरंगपुर की संयुक्त इकाई के कार्यक्रम अधिकारी हेमधर साहू एवं महिला इकाई के कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश नंदिनी व प्राचार्य रवेन्द्र सिंह चंद्रवंशी के मार्गदर्शन में, ग्राम-बिरनपुर में सम्पन्न हुए, “सात दिवसीय विशेष” के सातवें दिवस पर आयोजित “सर्वधर्म प्रार्थना”सभा का। सर्वप्रथम गुरूद्वारा गुरू सिंघ सभा के वीर जी सरदार गुरदीप सिंह जी, ज्ञानी कुलदीप सिंह, ज्ञानी मनप्रीत सिंह, ज्ञानी अर्जुन सिंह का बिरनपुर ग्रामवासियों व स्वयंसेवकों ने पुष्पाहार व पुष्पवर्षा से स्वागत कर, वाहे गुरू जी का खालसा, वाहे गुरूजी की फतेह ,व “सतनाम वाहेगुरू -…वाहे गुरू_;सतनाम-सतनाम जी, वाहे गुरू -वाहे गुरूजी”उद्घोष करते हुए मंच तक ससम्मान लाया गया। तत्पश्चात् कीर्तन-भजन कर, साधसंगत ने गुरू व ईश्वर की महिमा का बखान किया।, स्वयंसेवकों ने “बोले सो निहाल, सतश्री अकाल, का भी उद्घोष कीर्तन-भजन के मध्य में किया .”संयुक्त इकाई के कार्यक्रम अधिकारी हेमधर साहू ने, सर्वधर्म प्रार्थना का महत्व बताते हुए कहा कि-चूंकि शिविर में सभी धर्मों के मानने वाले स्वयंसेवक रहते हैं , वे अपने-अपने धर्मानुसार, परमपिता ईश्वर को तथा शिविर स्थल को , “शिविर की सफलता” के लिए आभार जताकर धन्यवाद कहते हैं . अंत में पूर्व प्राचार्य घनश्याम चंद्राकर, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नीलकण्ठ चंद्राकर,एस.एम. डी. सी.अध्यक्ष-महेश केशरी, पूर्व एस एम. डी.सी.अध्यक्ष नरेश केशरी, सांसद प्रतिनिधि विजय चंद्राकर, तथा शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय -दुर्ग के प्राध्यापक के कर- कमलों से वीरजी-सरदार गुरदीप सिंह,एवं ज्ञानी जी कुलदीप सिंह-मनप्रीत सिंह,अर्जुन सिंह का सम्मान पत्र, श्रीफल व मोमेण्टो भेंटकर सम्मान किया गया.




