छत्तीसगढ़

शहर में 15 दिसम्बर से 24 दिसम्बर तक होगी विकसित भारत संकल्प यात्रा। छूटे हितग्राहियों को मिलेगा योजनाओं का फायदा। कलेक्टर ने की नागरिकों से योजनाओं का लाभ उठाने की अपील।

भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
मो.- 9691444583
स्मार्ट सिटी बिलासपुर,,,
कलेक्टर अवनीश शरण ने विकसित भारत संकल्प यात्रा की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों की बैठक ली और जरूरी निर्देश दिए। शहर में विकसित भारत संकल्प यात्रा का क्रियान्वयन 15 दिसम्बर से 24 दिसम्बर तक होगा। शहर में 15 दिसम्बर से विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए प्रतिदिन दो कैम्प का आयोजन किया जाएगा।
मुंगेली नाका मैदान में सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावास, जरहाभाठा में दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक कैम्प का आयोजन किया जाएगा।
विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में भारत सरकार की लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि जिनको अब तक योजनाओं का लाभ नहीं मिला है वे इन योजनाओं के लिए आवेदन देंगे और योजनाओं का लाभ उठाकर लाभान्वित होंगे। योजनाओं का लाभ लेने के लिए संबंधित शिविर स्थल पर आम नागरिकों से आवेदन भी प्राप्त किया जाएगा।
कलेक्टर ने कैम्प में पहुंचकर लोगों से योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है।
बैठक में नगर निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत, जिला पंचायत सीईओ अजय अग्रवाल, एडीएम आरए कुरूवंशी सहित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विकसित भारत संकल्प यात्रा के आईसी वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।
15 दिसम्बर से 24 दिसम्बर तक यह वैन बिलासपुर शहर में रहेगी इस वैन में ऑडियो विजुअल, ब्रोशर, पॉम्पलेट, बुकलेट है जिनके माध्यम से भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी।
योजनाओं में आयुष्मान भारत, पीएम स्वनिधि, पीएम विश्वकर्मा, पीएम उज्जवला योजना जैसी अन्य योजनाएं शामिल है। शिविर में हितग्राही मेरी कहानी मेरी जुबानी के जरिए योजनाओं से लाभान्वित होने का अपना अनुभव भी साझा करेंगे। शिविर स्थल में कोई भी व्यक्ति अपनी शुगर, बीपी की जांच करा सकता है। टी.बी. स्क्रीनिंग भी की जाएगी। जो अपना एवं अपने परिवार का आयुष्मान कार्ड बनवाना चाहते है वे मौके पर बनवा सकते है। पीएम उज्जवला (रसोई गैस) के लिए नामांकन भी कराया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि हितग्राहियों की सूची की पोर्टल में एंट्री भी की जानी है। इसके लिए संबंधित विभागों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।

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