अमर अग्रवाल : जनता ने भाजपा के पक्ष मे मतदान का बना लिया है मन। अराजकता और अपराध से मुक्त बिलासपुर के मुद्दे पर वोट करेगी जनता। बाईक रैली के माध्यम से “लबरा कांग्रेस सरकार ल बदल के रहिबो” का नारा बुलंद।
भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
मो.- 9691444583
Smart City bilaspur…
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल ने तोरवा के पॉवर हाउस चौक से एक विराट बाईक रैली के माध्यम से “लबरा कांग्रेस सरकार ल बदल के रहिबो” का नारा बुलंद किया।
अमर अग्रवाल ने 17 नवम्बर को शत-प्रतिशत मतदान का संकल्प लेकर मतदाताओं से कमल बटन दबाने का आग्रह किया| उन्होंने पांच साल तक निष्क्रिय रहे कांग्रेस प्रत्याशी को बदलने का आह्वान किया। रैली का शहर में जगह-जगह घरों से माताओं एवं बहनों ने पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया।
रैली में कार्यकर्ताओं ने अमर अग्रवाल व भाजपा के पक्ष में गर्मजोशी एवं उत्साह के साथ पूरे समय नारेबाजी की।
भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल ने कहा कि शहर का विकास पांच वर्षों से ठहर सा गया है, अराजकता अपने चरम पे आ गयी है।
कांग्रेस के नेता विकास करने के बजाय गुण्डागर्दी और गैंगवार को संरक्षण देते रहे। शहर के बाजार तथा चौक-चौराहो में जिनकी बेशकीमती जमीनें हैं, कांग्रेस के गुंडों ने उन्हें डरा-धमकाकर औने-पौने दाम पर जमीन बेचने के लिए मजबूर कर दिया। नशाखोरी तेजी से बढ़ी, युवा अपराध की ओर धकेले गए, भ्रष्टाचार और अवैध वसूली ने कॉंग्रेस के ही सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।
अमर अग्रवाल ने दोहराया कि शहर में शांति का राज लौटाना उनकी प्राथमिकता है।
अमर अग्रवाल ने कहा कि बिलासपुर की जनता ने बड़ी उम्मीदों और अपेक्षाओं के साथ कांग्रेस को सत्ता की बागडोर सौंपी थी, लेकिन कांग्रेस जनादेश की लाज भी नही रख पाई। इन पॉंच वर्षों में हर तरह के विकास कार्य पिछड़े और जनता अपनी समस्याओं के साथ जद्दोजहद करती रही। उन्होने आगे कहा कि अब जनता ने परिवर्तन की तैयारी कर ली है, कमल छाप में बटन दबाकर भाजपा को बहुमत से जिताने के लिए जनता तैयार है। जनहित के मुद्दों से कन्नी काटकर अपराध के विकास में ध्यान देने वाले कांग्रेस प्रतिनिधि को जनता नकार चुकी है। अब जनता मुद्दों पर वोट करना चाहती है, झूठे आश्वासनों और दिखावों पर नहीं।
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। भाजपा की सरकार बनते ही गुण्डे, मवालियों की विदाई तय है। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता और आमजन शामिल थे।