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दुर्ग शहर की 90 प्रतिशत आबादी पूछ रही भाजपा प्रत्याशी गजेन्द्र यादव है कौन

दुर्ग / अब मतदान को कुछ ही दिन शेष है, ऐसे में राजनितिक सरगर्मी तेज़ हो चली है, चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी अपनी अपनी जीत का दावा करते नजर आ रहे है, बताया तो यह भी जा रहा है कि भाजपा से प्रत्याशी गजेन्द्र यादव अभी से अपने आपको विधायक समझने लगे है, जबकि दुर्ग शहर की राजनीती का समीकरण तो कुछ और ही बनता दिखाई दे रहा है,

दरअसल दुर्ग शहर विधानसभा दुर्ग जिले की एक महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. इस सीट से वर्तमान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिवंगत मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा कांग्रेस से प्रत्याशी है, तो वही भाजपा ने नए चेहरे गजेन्द्र यादव पर अपना दाव खेला है,  ऐसा माना जा रहा है कि दिवंगत मोतीलाल वोरा के सम्मान में कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर उनके बेटे अरुण वोरा पर भरोसा जताया है. अरुण वोरा की गिनती कांग्रेस के सक्रिय नेताओं में होती है. वो सरल स्वभाव के चलते हमेशा जनता से घिरे दिखाई देते है, वही दूसरी तरफ बीजेपी ने दुर्ग शहर विधानसभा से नए चेहरे के तौर पर गजेंद्र यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है. गजेंद्र यादव आरएसएस के छत्तीसगढ़ प्रांत के सरसंघचालक दिवंगत बीसाराम यादव के बेटे हैं.

बात अगर दुर्ग शहर की राजनीती करे तो भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र यादव को शहर की 90 प्रतिशत आबादी पहचानती तक नहीं है, क्योकि दुर्ग शहर की राजनीती में उनका कोई योगदान कभी रहा ही नहीं, बात करे जातिगत समीकरण की तो 28 हज़ार वोटर यादव समाज से आते है, जिसको लेकर अभी तक माना जा रहा था की भाजपा के लिए ये वोट पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार सरप्लस होगा, लेकिन जब हमने इस जातिगत समीकरण को जानने का प्रयास किया तो पता चला की उस 28 हज़ार वोटर में एक बड़ी आबादी भी अरुण वोरा पर अपना विश्वास जताती दिखाई दे रही है |

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