दिलीप वासनीकर, अनिल मेश्राम और बालेश्वर चौरे का नागपुर में हुआ सम्मान
महाराष्ट्र में आयोजित धम्म चर्क प्रवर्तन दिवस में लाखों लोग हुए शामिल
भिलाई। डा. बाबा साहेब आम्बेडकर द्वारा गत दिवस लाखो लोगो के साथ नागपुर की दीक्षाभूमि मे बौद्ध धर्म की दीक्षा लिए जाने की ऐतिहासिक महत्वपूर्ण दिवस की स्मृति व बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार मे गति लाने के लिए प्रतिवर्ष 14 अक्टूबर को धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस के रूप मे मनाया जाता है। इसकी 63वीं वर्षगांठ पर बौद्ध समाज कोसानगर भिलाई द्वारा धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस समारोह का आयोजन सर्वोदय बुद्ध विहार के सम्मुख भंते बुद्ध प्रकाश बिहार एवम भंते जीवक भिलाई के पूज्य मार्गदर्शन तथा दिलीप वासनीकर संभागायुक्त दुर्ग संभाग के मुख्य आतिथ्य मे संपन्न हुआ।
इस दौरान भगवान गौतम बुद्ध व डा. बाबा साहेब आम्बेडकर के छायाचित्र पर माल्यार्पण पश्चात भंते बुद्ध प्रकाश बिहार द्वारा अंधविश्वास को दूर कर जागरूकता लाये जाने हेतु विभिन्न प्रकार के करामात दिखाये गये जिससे उपस्थित जनता अचंभित होकर जागरूक हुई। समारोह को संबोधित करते हुए श्री वासनीकर ने कहा कि जिस प्रकार डा. बाबा साहेब आम्बेडकर का प्रथम जन्मदिन 14 अप्रैल 1891 है वैसे ही उनका दूसरा महत्वपूर्ण जन्मदिन 14 अक्टूबर 1956 है, विजयादशमी पर्व की तिथि बदलते रहती है किन्तु यह तिथि अडिग चिरस्थायी रूप से विद्यमान रहती है इसलिए हमे धम्म चक्र प्रवर्तन दिवस 14 अक्टूबर को ही धार्मिक आस्था व उल्लासपूर्ण तरीके से मनाना चाहिए। दि बुद्धिष्ट सोसायटी ऑफ इंडिया छत्तीसगढ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मेश्राम ने सामाजिक विकास मे श्री वासनीकर के योगदान की सराहना करते हुए उन्हे कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता व विवेकवान निष्पक्ष अधिकारी बताया।
इस अवसर पर बौद्ध महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप वासनीकर एवम दि बुद्धिष्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मेश्राम को उनके दीर्घावधि के सामाजिक योगदान हेतु स्मृति चिह्न व संविधान की पुस्तिका भेंट कर उन्हे सम्मानित किया गया। बौद्ध कल्याण समिति कोसानगर भिलाई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष बालेश्वर चौरे को भी सामाजिक व औद्योगिक व्यवसायिक क्षेत्र मे विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
इसके अलावा समारोह में समाज के पुलिस अधिकारियो, अधिवक्ताओ, समाजसेवियो सहित विभिन्न क्षेत्रो मे विशेष पहचान बनाने वाले सामाजिक बंधुओ का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम मे सिद्धार्थ बोरकर, सुरेंद्र गजभिये, सागर खोबरागडे, मनोज मून, आशीष सूर्यवंशी, डा. वालवांदरे, अभिषेक बोरकर, कमलेश चौरे, प्रवीण वासनिक, धनंजय मेश्राम, नरेंद्र शेंडे, प्रज्ञा मेश्राम, योगिता खापर्डे, अनिता उके सहित भारी संख्या मे लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन धनंजय मेश्राम और आभार प्रदर्शन सिध्दार्थ बोरकर ने किया।।*