आरटीआई से पता चला पंचायत में हुआ है जमकर घोटाला, सीईओ से जांच की मांग
कोण्डागांव । जिले में लगातार नये नये घपलों ओर घोटालों की जानकारी सामने आ रही है जिससे यह साफ पता चलता है कि जिले में भृष्टाचार की जड़े किस हद तक फैली हुई है । इसी भृष्टाचार की एक ओर कड़ी में सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में पंचायत कौंदकेरा में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है।
पूरा मामला विकासखंड बडेराजपुर के ग्राम कौंदकेरा हैं जहॉ पंचायत प्रतिनिधियों व सचिव ने जमकर पंचायत में विकासकार्यो के लिए विभिन्न मदों से आई राशि में जमकर गड़बढ़ी की है। इसी मामले को लेकर दो से अधिक की संख्या में ग्रामीण सीईओं जिला पंचायत से मिलने पहुंचे थे। जहॉ ग्रामीणों ने बताया कि, सीईओं को बताया कि, ग्रामसभा के दौरान ग्रामीणों को पंचायत प्रतिनिधि हमेंशा गुमराह करते रहे है, इसलिए उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत अपने पंचायत की पूरी जानकारी निकाली। जिसमें मूलभूत योजना का बिल् ब्हावचर फर्जी पाया एवं राशि आहरण किया जाना पाया गया, विधायक निधि मद का निर्माण के बगैर ही राशि का आहरण किया गया, बस्तर विकास प्राधिकरण मद से बिना कार्य के ही राशि आहरण किया गया। इसी तरह एसबीएम के तहत 289 शौचालय निर्माण कर हितग्राहीयों को केवल पांच-पांच हजार रूपए की राशि अब तक दी गई है। वहीं महात्मा गांधी नरेगा से बनाए गए 187 शौचालयों का आज भी निर्माण आधा-अधूरा ही हैं। वहीं डब्ल्यू बीएम सड़क निर्माण कार्य बिना किए हुए 194900 रूपए का कार्य पूर्ण बताते हुए राशि गबन किया गया है। ऐसा ही 14वें वित योजना के राशि में बिना कार्य के राशि का आहरण कर पंचायत को लाखों का चूना इन पंचायत प्रतिनिधियों व सचिव के माध्यम से लगाया गया है। वहीं सूचना के अधिकार के तहत कुछ जानकारियां गलत दी गई हैं।
सरपंच और सचिव की मिलीभगत
ग्रामीणों का सीधा-सीधा आरोप है कि, पंचायत के आए पैसों का सरपंच, सचिव व अन्य लोगों ने मिलकर फर्जी बिल लगाते हुए लाखों की गड़बढ़ी की हैं। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि, जब हमारे गांव में जिन-जिन कार्यो का होना पंचायत अपने दस्तावेज में होना बता रहे है। उसमें से अब तक कोई काम ही नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने सीईओं को कलक्टर के नाम दिए शिकायत पत्र में इसकी तत्काल जांच करवाने की मांग की है।