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कोचिंग नहीं सेल्फ स्टडी के दम पर मारी बाजी…अकाउंट ऑफिसर की नौकरी में नहीं आया मजा तो बन गए सब इंस्पेक्टर

चूरू. कहते हैं अगर कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो उम्र और हालात मायने नहीं रखते. कुछ ऐसी ही कहानी है चूरू के सदर थानाधिकारी फरमान खान की जिन्होंने ड्यूटी के साथ-साथ पढ़ाई कर सब इंस्पेक्टर का एग्जाम पास किया है. फरमान की ये कहानी आज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे नोजवानो के लिए काफी प्रेरणादायी है. फरमान को लेखाधिकारी की नौकरी जब रास नहीं आई तो उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए राजस्थान में सब इंस्पेक्टर के पद के लिए आवेदन किया और एग्जाम पास कर फिजिकल और इंटरव्यू क्लियर किया

फरमान बताते हैं उनका महज 27 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में उत्तरप्रदेश में लेखाधिकारी के पद पर चयन हो गया था. लेकिन मन मे प्रदेश में रहकर ही युवाओं और समाज के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना थी. एक साधारण से दिखने वाले युवा नोजवान का जितना कठिन संघर्ष था उतनी ही दिलचस्प उनकी सफलता की कहानी है.

जॉब के साथ ऐसे की तैयारी
फरमान बताते हैं लेखाधिकारी के पद पर जॉब मिलने के बाद उनके पास कोचिंग करने का समय नहीं बचता था ऐसे में उन्होंने अपनी जॉब के साथ-साथ सब इंस्पेक्टर के एग्जाम की तैयारी की और अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए फरमान ने कहा आज के युवा सोशल मीडिया से दूरी बनाकर अगर किताबों से नजदीकी बनाएंगे तो सफलता जरूर मिलेगी.खान कहते हैं सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता और मेहनत का कोई विकल्प नहीं है.फरमान कहते है पुलिस महकमे में आने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता पुलिसिंग में डिजिटाइजेशन करना है. खान कहते साइबर अपराध जैसी अब हमारे सामने चुनोतियां है. कम समय मे अधिक पैसे कमाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए खान कहते हैं युवा गैर कानूनी रास्तों से जल्द सफल होने के बजाए मेहनत पर यकीन करें.

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