मृतक सूरज साहू के परिजनों ने 7 दिन बाद किया धरना प्रदर्शन समाप्त
दुर्ग : दुर्ग में सूरज साहू हत्याकांड के बाद परिजन आम आदमी पार्टी के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गई थी । पीड़ित परिवार ने 50 लाख रुपए मुआवजा, पत्नी को सरकारी नौकरी और बीजेपी पार्षद पर कार्रवाई करने की मांग रखी थी । लगातार धरने के 7 दिन बाद परिजनों ने उस समय अपना धरना समाप्त कर दिया जब जिला प्रशासन ने मृतक की पत्नी को संविदा नौकरी और बच्चों की पढाई की जिम्मेदारी ली,
लेकिन धरने के ये सात दिन में जिस प्रकार से जनता के बीच से बातें निकालकर आई वो शायद दुर्ग की राजनीती में बड़ा फेरबदल की ओर इशारा कर रहा है |
सात दिन तक चले इस धरने के दौरान मृतक सूरज साहू का शव जिला अस्पताल के मरचुरी में पड़ा रहा, सात दिन तक चले इस धरने के दौरान दुर्ग शहर विधायक की असंवेदनशीलता ने उन्हें गहरे खाई में धकेल दिया है, अब विधायक अरुण वोरा कुछ भी कहे लेकिन दुर्ग की जनता को जो समझना था उन्होंने तो वो समझ लिया, दरअसल मृतक के परिजनों ने अपनी मांगो को लेकर अरुण वोरा को ज्ञापन सौपा था, ज्ञापन सौपने के बावजूद जब अरुण वोरा पीड़ित परिवार से मिलने नहीं पहुचे तब परिजनों ने अरुण वोरा निवास का घेराव कर दिया, वहा पहुचने पर अरुण वोरा के पीछे दरवाजे से निकलकर घर से भागने की बात भी सामने आई, और जब वो वापस लौटे तो उन्होंने ज्ञापन को लेकर भी अभिग्नता जता दी, अब ऐसे में अरुण वोरा और उनके परिवार की असंवेदनशीलता झलकने लगी जिसको दुर्ग की जनता ने बखूबी देखा, इस बात को लेकर अब चर्चा का बाज़ार गर्म हो गया है, कुछ लोगो का कहना है की बाबूजी के रहते अरुण वोरा की राजनीती बाबूजी के दम पर चलती रही, बाबूजी के जाने के बाद अब उनकी सुनने वाला कोई नहीं है, उनका कहना था कि एक परिवार अपने मृत बेटे के शव को मरचुरी में रखकर इन्साफ की गुहार लगा रहा है, मृतक की पत्नी और बच्चे के भविष्य को सुरक्षित कर लेना चाहता है, भूख हड़ताल पर बैठी पत्नी उनके दरवाजे पर बेहोश होकर गिर जाती है, संवेदनशीलता ने तो हद उस समय पार कर दी जब अरुण वोरा जी ने पीड़ित परिवार से ये कह दिया कि कल बिलासपुर में मुख्यमंत्री से मुलाकात होगी वहा मै उन्हें ज्ञापन दे दूंगा और वहा से जो जवाब आएगा वो आपको बता दूंगा, आमजन का कहना था कि क्या अरुण वोरा बाबूजी के जाने के बाद अब सिर्फ पोस्टमैंन बनकर रह गए है?
अब ऐसे में जब लगातार दुर्ग में बीजेपी के जीतेन्द्र वर्मा अरुण वोरा को भ्रष्ट साबित करने में लगे हुए है, बल्कि ऐसा कहा जा सकता है की बीजेपी ने अरुण वोरा को दुर्ग में घेर रखा है, अब पीड़ित परिवार के साथ संवेदनहीन तरीके से व्यवहार किया जाना कही ना कही दुर्ग शहर के वोटबैंक में बड़ा डैमेज दिखाई देने लगा है, जिसका नतीजा प्रत्यक्ष रूप से विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा, वैसे भी लगभग लगभग कांग्रेसी कार्यकर्ता वोरा बंगले से पहले ही अपनी दुरी बना चुके है, और इस विरोधी लहर चलते दुर्ग शहर की विधानसभा सीट इस बार बीजेपी के खाते में जाती दिखाई दे रही है |