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बालोद। जिला मुख्यालय के ग्राम देवतराई और आवराभांठा के बीच 6 करोड़ की लागत से पुल को जोडऩे वाली एप्रोच सड़क पहली ही बारिश में जमीन के भीतर धंस गई, जिसके कारण उक्त ठेकेदार के कार्यप्रणाली पर उठने लगे हैं सवाल । इस मामले में सेतु निगम के अधिकारी से बात की गई तो कुछ भी नही बोलने से बचते नजर आये, जिससे साफ हैं की अधिकारियो की मिलीभगत होने आशंका भी हैं । आख़िर तीन माह के भीतर सड़क में कैसी पड़ गई दरारे । तांदुला नदी के पुल के साथ एप्रोच रोड बेसमेंट कमजोर होने के कारण जमीन के भीतर धंस गई है । वहीं सड़क पर बीचों बीच दरार पड़ गई है। मजबूरी में सम्बंधित कंपनी की ओर से बारिश में ही मरम्मत कराई जा रही है । घटिया निर्माण की पोल खुलने पर ठेकेदार ने सड़क की खुदाई कर नए सिरे से मरम्मत शुरू कर दिया है । गुणवक्ताविहीन सड़क के निर्माण किए जाने से सड़क में दरारे आकर जमीन के नीचे धस गई हैं जिससे निर्माण एजेंसी द्वारा उक्त सड़क में घटिया मटेरियल का इस्तेमाल करने से बीचो बिच दरारे पड़कर जमीन से धस गई हैं । वहीँ उक्त सड़क जमीन के अंदर धस जाने का मामला सामने आने पर ठेकेदार सकते में आकर आनन फ़ानन में धसी हुई सड़क की लीपा पोती करने में जुट गए हैं ।
जिले के अधिकारी गुजरते हैं इस पुल से
सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इस पुल से होकर जिले के सभी बड़े अधिकारी जिला कलक्टोरेट जाते हैं ।इसके बाद इन अधिकारियो के नजर में नही आई जो समझ से परे हैं । इससे भी आश्चर्यजनक बात यह है कि इस सड़क और पुल को बने मात्र आठ महीने ही हुए है । आठ महीने पहले बनी सड़क धंसने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हुई । खबर वायरल होते ही लोगों ने घटिया निर्माण और गुणवत्ता पर सवाल उठाने लगे है। इसे देखते हुए ठेकेदार ने मरम्मत के लिए सड़क की खुदाई की है। बारिश थमते ही मरम्मत शुरू की जाएगी। बताया जाता है कि जिले में पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश से मिट्टी पोली हो गई और सड़क धंस गई। सड़क धंसने से निर्माण के दौरान काली मिट्टी होने के बाद भी बेस की मजबूती पर ध्यान नहीं दिया गया। यही कारण है कि मानसून की शुरुआत में ही निर्माण की गुणवत्ता और घटिया सामग्री इस्तेमाल की पोल खुल गई।