मुंगेली

राहुल गांधी को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गयी राहत देश के लोकतंत्र की जीत है – डॉ सरिता भारद्वाज

राहुल गांधी को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गयी राहत देश के लोकतंत्र की जीत है – डॉ सरिता भारद्वाज

मुंगेली – कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गयी राहत देश के लोकतंत्र की जीत है। समाज सेविका डॉ सरिता भारद्वाज ने कहा कि राहुल गांधी सच की लड़ाई लड़ रहे है। राहुल गांधी देश के आम आदमी की मजबूत आवाज है। उन्होंने लोकतंत्र में सवाल पूछने के जज्बे को जिंदा रखा है। सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को मिली राहत अकेले राहुल गांधी को राहत नहीं है यह भारत के प्रजातंत्र और देश की संसदीय प्रणाली को मिली राहत है। इस मामले में राहुल गांधी को लक्ष्य करके देश के लोकतंत्र और संसदीय प्रणाली के मूल्यों पर प्रहार करने की कोशिश की गयी थी। समाज सेविका डॉ सरिता भारद्वाज ने कहा कि राहुल गांधी महात्मा गांधी के रास्ते पर चल रहे है। उनकी लड़ाई सत्य की लड़ाई है। सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं, यह सिर्फ राहुल गांधी की व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। यह देश के लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। देश के आम आदमी की लड़ाई है। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करवा कर भाजपा देश में तानाशाही लाना चाह रही थी। कांग्रेस देश के प्रजातंत्र और संविधान बचाने की लड़ाई लड़ रही है। मोदी सरकार के अडानी प्रेम रिश्तो को लेकर लगातार राहुल गांधी ने सवाल उठाएं है। इससे घबराई मोदी सरकार राहुल गांधी को चुप कराने का षड्यंत्र रच संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही हैं। समाज सेविका डॉ सरिता भारद्वाज ने कहा कि मोदी सरकार असहमति और सच की आवाज को दबाने तानाशाही करती है। मोदी सरकार घोटाले बाजों को संरक्षण दे रही। सच कहने वाले की सदस्यता रद्द करने का षड़यंत्र रचा जाता है। भगोड़ो को पकड़ने का साहस नहीं, घोटाले बाज की जांच की हिम्मत नहीं है, विपक्ष के नेता का मुंह बंद करने साजिशे रची जाती है। आज भी यह सवाल खड़ा हुआ है कि एलआईसी और एसबीआई के करोड़ो निवेशकों का पैसा मोदी सरकार ने जोखिम में क्यों डाला? देश का पूरा विपक्ष जब अडानी के घोटाले की जांच की मांग कर रहा था तो मोदी सरकार जांच से क्यों डर रही थी? जांच से किस खुलासे का भय मोदी को सता रहा है? कौन बेनकाब हो जायेगा किसकी प्रतिमा खंडित होने का भय भाजपा सरकार को सता रहा है? समाज सेविका डॉ सरिता भारद्वाज ने कहा कि आज मणिपुर की अशांति के बारे में संसद में चर्चा नहीं होने दी जाती, सरकार जो मुफीद लगेगा उसी पर बहस होगी जो सरकार के खिलाफ होगी उस पर बात ही नहीं होगी यह चरित्र तो देश के लोकतंत्र को खत्म करने वाला है।

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