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नवा बछर के परब मोर छत्तीसगढ़ के चिनहार। गेंड़ी चढ़े के मजा ले ले बाबु आगे हरेली तिहार।

नवा बछर के परब मोर छत्तीसगढ़ के चिनहार।
गेंड़ी चढ़े के मजा ले ले बाबु आगे हरेली तिहार।

🌱🌱हरेली तिहार🌱🌱

नांगर बइला धो ले जम्मो खेती किसानी के औजार।
चांउर के चीला चघाले पलसादी के कर ले फलहार।

लोई बांध बांध गरू गाय ल खवाले इही सेवा सार।
राउत भैया उसने हे कांदा कंदइला जरी ल डोहार।

बइगा करके पुजा पाठ जम्मो देवी देवता ल मनाय।
घरो घर के मुंहाटी म लीम के डारा दिखे खोंचाय।

राखव संइत के हमर संस्कृति ल झन देबे तंय भुलाय।
संस्कृति बिन मनखे बिन दाई ददा कस लइका चिन्हाय।

✍️ नर्मदा सेवक दीवान “नैना”
सुकुलबाय (सिरपुर) महासमुंद छ.ग.

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