सीधे चुनाव से कांग्रेस को हो सकता है फायदा भाजपा को उठाना पड़ सकता है नुकसान
बिलासपुर सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- कांग्रेस अपनी गिरते ग्राफ को बचाने के लिए पार्षदों के कंधे पर बंदूक चलाने की तैयारी शुरु कर ली है। महापौर चुनाव के लिए मंत्रियों का कमेटी बनाना एक फारर्मेंटी है। राजनीतिक पंडितों की माने तो पार्षद से महापौर चुना जाएगा तो इसका सीधा नुकसान भाजपा पार्टी को उठाना पड़ सकता है।
हालांकि इस पद्धति का भाजपा विरोध कर रही है। उनका कहना है कि लोकसभा की लहर से कांग्रेसी घबरा गए हैं इसलिए महापौर चुनाव जनता से अधिकार छिनकर पार्षद से कराया जा रहा है। विधानसभा चुनाव में भाजपा की बुरी तरह से पराजय का सामना करना पड़ा। कांग्रेस के हाथों मिली करारी हार ने भाजपा के रणनीतिकारों के नस बल ढीले कर दिए हैं। वहीं अब प्रस्तावित नगरीय निकाय चुनावो के दौरान नगर निगम के महापौर व नगरपालिका तथा नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों का चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली से कराने की भूपेश बघेल सरकार की पहल ने भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ा दी है।
मतलब अब सीधे मतदाताओं की जगह पार्षद ही महापौर व अध्यक्षों का चुनाव करेंगे। जनता पहले पार्षदों को चुनेगी फिर पार्षद महापौर व नगर पालिका व नगर पंचायतों के अध्यक्षो का चुनाव करेंगे। पहले प्रत्यक्ष चुनाव के जरिये प्रदेश के नगरीय निकायों के चुनाव कराने वाली प्रदेश सरकार ने जिस तरह एकाएक मध्यप्रदेश की तर्ज पर नगरीय निकाय चुनावों को अप्रत्यक्ष मतदान पद्धति से कराने के लिये यू टर्न लिया है। उससे साफ है कि भूपेश बघेल की प्रदेश के सरकार प्रस्तावित नगरीय निकाय चुनावों में हर हाल में अपनी जीत को सुनिश्चित करना चाहती है। और यही बात प्रदेश भाजपा की चिंता की प्रमुख वजह है। दरअसल हाल में ही सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावो के समय से ही पूरे देश की तरह प्रदेश में भी जिस तरह राष्ट्रवाद और मोदी की लहर चल रही है। उस लहर के नगरीय निकाय चुनावों पर भी असर पडऩे की आशंका एक वर्ग को लग रही थी।
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