छत्तीसगढ़

गांव के रास्ते से लौट रहे थे तभी आ धमका हाथी, कार को रास्ते में छोड़कर सरपट भागे नेता

रायपुर सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़-  महासमुंद जनपद पंचायत अध्यक्ष धरमदास महिलांग शनिवार की रात हाथी के हमले से बाल-बाल बचे। हाथी से जान बचाने के लिए कार को रास्ते में छोड़कर सरपट भागे तब जाकर जान बची। महिलांग रात करीब नौ बजे कुकराडीह गांव से अपने गृहग्राम जोबा लौट रहे थे। इस बीच सात हाथियों के दल से सामना हो गया। कार की लाइट जैसे ही हाथियों पर पड़ी, हाथी चिंघाड़ने लगे। हाथी कार की ओर तेजी से बढ़ने लगे। कार छोड़कर जनपद अध्यक्ष महिलांग सरपट खेत के रास्ते से भागकर गांव पहुंचे। गौरतलब है कि शनिवार 12 अक्टूबर को दोपहर तीन बजे एक दंतैल हाथी ने कुकराडीह गांव के बुजुर्ग किसान को कुचलकर मार डाला था। वहां से कुछ ही दूरी पर यह घटना हुई है।

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले का एक बड़ा हिस्सा जंगली हाथियों का विचरण क्षेत्र बन गया है। सिरपुर क्षेत्र के 42 गांव हाथी प्रभावित चिन्हांकित हैं। हाथी से बचने ग्रामीण तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। जिस कुकराडीह गांव में हाथी के आतंक से बचने ग्रामीणों ने मूर्ति स्थापित कर हाथी त्यौहार मनाया, वहीं इस समय जंगली हाथियों का जमावड़ा है। हाथी के हमले से महासमुंद जिले में अब तक 16 मौतें हो चुकी है। इससे सभी दहशत में हैं। इस क्षेत्र के गांवों में हाथी का खौफ हर चेहरे पर नजर आता है। अब राह चलते लोगों पर हाथी के द्वारा हमला करने से लोगों का जीना मुश्किल होने लगा है। इससे आक्रोशित ग्रामीण 17 अक्टूबर को कलेक्टोरेट का घेराव करने की रणनीति बना रहे हैं।

बस दस कदम दूर थी मौत…

जनपद अध्यक्ष धरमदास महिलांग ने घटना के संबंध में  बीती रात हुए हाथी से सामना का नजारा अब भी आंखों में है। कुकराडीह गांव में बुजुर्ग किसान की हाथी के कुचलने से मौत की खबर पाकर शाम को पहुंचे थे। ग्रामीणों और वन विभाग के अफसरों के बीच तनाव की स्थिति थी। समझाइश देते रात में नौ बजे तक वहीं रहे। बाद अपने गृहग्राम जोबा जाने के लिए निकले थे। कुकराडीह से एक किलोमीटर दूर ही पहुंचे थे कि सात हाथियों का झुंड रास्ते में खड़ा मिला। सड़क पार कर रहे हाथियों पर जैसे ही कार की हेडलाइट की रोशनी पड़ी,हाथी चिंघाड़ते हुए कार की ओर बढ़े। हाथी और कार की दूरी बमुश्किल दस कदम रही होगी। जनपद अध्यक्ष महिलांग बताते हैं कि मौत को बहुत करीब से देखकर कुछ नहीं सूझा।

तत्काल कार को रिवर्स किया। कुछ दूर कार वापस जाने के बाद हड़बड़ी में सड़क से नीचे उतर गई। अब जान आफत में पड़े देखकर कार से उतरकर सरपट भागे। पास की झाड़ियों में छुपकर हाथियों के आगे बढ़ने का इंतजार करने लगे। कुछ समय बाद जब ऐसा आभास हुआ कि हाथी कुछ दूर आगे बढ़े हैं। कार को सड़क किनारे ही छोड़कर सरपट गांव की ओर भागकर वापस कुकराडीह गांव पहुंचे। जहां वन विभाग के वाहन से रात करीब 11 बजे मुख्य मार्ग से तुमगांव होते हुए जनपद अध्यक्ष महिलांग को सुरक्षित गृहग्राम जोबा पहुंचाया गया।

 

 

 

 

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