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दुर्ग में किया गया बायर के द्वारा वेजिटेबल कैफे का आयोजन

किसानों के द्वारा अलग अलग कारणों से फसल के बर्बाद होने पर आये दिन आत्महत्या किये जाने की बात सामने आती रहती है, जिसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार भी किसानों की आत्महत्या से रोकने कर्ज माफ़ी जैसे कई योजनाओं का प्रचार प्रसार कर रही है, वही कृषि रसायन पर कार्य करने वाली कंपनियां भी किसानो की स्थिति को मजबूत करने उनकी फसलों को संरक्षित करने लगातार बिमारियों की खोज कर उनके रोकथाम करने का काम कर रही है, इसके साथ ही जगह जगह वेजिटेबल कैफे का आयोजन कर किसानो को जागरूक करने का कार्य भी करते है, इसी कड़ी में आज “बायर क्रॉप साइंस” के द्वारा दुर्ग में वेजिटेबल कैफे का आयोजन किया गया, जिसमे दुर्ग,रायपुर,भाटापारा, बेमतरा,कुरूद से बड़े स्तर पर सब्जी की खेती करने वाले करीब 250 से अधिक किसान शामिल हुए, इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आईसीएआर के पूर्व वैज्ञानिक नाइमेटोलॉजिस्ट डॉ रमन कुमार वालिया उपस्थित हुए, जहा उन्होंने कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया , कार्यक्रम के दौरान डॉ सुधांशु मिश्रा ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि टमाटर एवम कद्दू जाति की सब्जियों के लिए दवाइयों के साथ, किसान अपने मैनेजमेंट से उत्पादन कैसे बढ़ा सकता है, साथ ही साथ किसानों  की समस्याएं सुनकर उनका निराकरण भी किया, वही डॉ रमन कुमार वालिया ने नेमातोड यानी सूत्रकृमि के बारे में विस्तार में किसानों को जानकारी दी, उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि नेमातोड अदृश्य जरूर है, लेकिन अपराजित नही है, इसके साथ ही उन्होंने नेमातोड का प्रबंधन कैसे करें, उसके बारे में भी बताया,

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