धर्म

भगवान को पाने की इच्छा हो तो परीक्षित और शुकदेव का संवाद ही सुन ले ,तो जीवन धन्य हो जायेगा

श्री मद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का उद्देश्य केवल यश पाने के लिए किसी इच्छा के अधिन किया गया धर्म कार्य नही बल्कि कथा के माध्यम से अंतःकरण को शुद्ध किया जाता है । भगवान को पाने की इच्छा हो तो परीक्षित और शुकदेव का संवाद ही सुन ले ,तो जीवन धन्य हो जायेगा ।आकाल मृत्यु से बचने के लिए भागवत कथा का श्रवण अवश्य करे ।यह बात ग्राम मसना मुंगेली जिला मे आयोजित श्री मद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस मे पुज्य पंडित झम्मन शास्त्री महाराज ने कही।
पंडित झम्मन शास्त्री ने कहा कि प्रभु की लीला के बगैर न कोई जन्म ले सकता है ,न किसी की मृत्यु हो सकती है सभी काल चक्र में इश्वर की सहमती विद्यमान रहती है आकृतार्थ जीवात्मा को पुनर्जन्म लेना पड़ता है इसलिए 24 घंटे से कम से कम सवा घंटा प्रभु की स्तुति भजन कीर्तन के माध्यम से करना चाहिए । जीवन का उद्देश्य ईश्वर को पाना है । न कि केवल धन वैभव और जीवकोपार्जन के लिए लगे रहना
महाराज जी संकीर्तन का महत्व बताते हुए उन्होंने प्रभातफेरी से युवाओ मे सनातन धर्म के प्रति जागृति लाने का तरिका भी सुझाया उन्होने कहा कि रामराज्य लाना हो तो कर्ज माफी नही बल्कि कर्ज लेना ही न पढे ऐसा वातावरण बनाना पढेगा । पंडित झम्मन शास्त्री ने कहा कि जब कोई भी व्यक्ति सात्विक मन से इश्वर को पाने कि चेष्टा करता है तो शुकदेव जैसे ज्ञानी का पदार्पण होता है । श्रवण योग से आसान कोई दूसरा रास्ता परमात्मा को पाने का नहीं है। गौरव की बात है कि हम सभी सनातन धर्मी दो चार दिनो के नही बल्कि 31 नील 10 खरब 40 अरब पुराने है ब्रम्हा जी ने सृष्टि की रचना के समय 84 लाख योनियो का सृजन तो किया लेकिन विवेकशील प्राणी अर्थात मनुष्य बनाने के लिए उन्हें नारायण की शरण लेनी पडी । कथा आयोजक
पंडित रामनारायण पाठक, पंडित मणिकान्त पाठक , अनिरूद्ध पाठक

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