छत्तीसगढ़

मवेशियों में संक्रामक बीमारी के रोकथाम के लिए 1 लाख 67 हजार 863 पशुओं को लगाया गया टीका

मवेशियों में संक्रामक बीमारी के रोकथाम के लिए 1 लाख 67 हजार 863 पशुओं को लगाया गया टीका

कवर्धा, 08 जून 2023। कबीरधाम जिले में लम्पी स्किन बीमारी के जैसे लक्षणों वाली बीमारी (अज्ञात बीमारी) का उद्भेद पशुओं में पाया गया था। बीमरी के उद्भेद संज्ञान में आने पर कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे के निर्देशानुसार कार्यवाही पशु पालन विभाग द्वारा किया गया एवं रोग प्रकोप पर नियंत्रण किया गया। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार उक्त लक्षण वाले पशुओं को चिन्हांकित कर पशुओं के झुण्ड से अलग कराकर उपचार किया गया, जिसमें अधिकतर पशु स्वस्थ हो गए है। जिले में लम्पी स्किन बीमारी के जैसे लक्षण प्रदर्शित करने वाले कुल 56 पशुआें को चिन्हांकित किया गया था, जिनका उपचाकर किया गया। उपचार के उपरांत 49 स्वस्थ हो गए हैं, शेष पशुओं का उपचार जारी है।
पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि जिन क्षेत्रों में बीमार पशु पाए गए हैं वहां पशु उपचार के साथ-साथ शेड में धुऑ तथा दवा का छिड़काव कराया गया है। साथ ही 05 किलोमीटर की परिधि में आने वाले सभी पशुओं का टीकाकरण पशु पालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी द्वारा किया गया है। जिले में कुल गौवंशीय एवं भैंसवंशीस पशुओं की संख्या 3 लाख 98 हजार 768 जिनमें 1 लाख 67 हजार 863 को टीका लगाया जा चुका है, शेष पशुओं में टीकाकरण की कार्यवाही प्रगति पर है।

कलेक्टर ने पशु बाजारों में सतत् निरीक्षण एवं टीकाकरण करने के दिए निर्देश

बीमारी के बचाव के लिए कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने पुलिस विभाग, वन विभाग, खनिज विभाग, आबकारी विभाग एवं पशु पालन विभाग के अधिकारियो-कर्मचारियों को नाकों पर जाँच के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि अन्तर्राज्यीय सीमा से बीमार पशु जिले में दाखिल न हो सके। साथ ही जिले में आयोजित पशु बाजारों में पशु पालन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को सतत् निरीक्षण एवं टीकाकरण करने के लिए निर्देशित किया गया है।

जिले के सभी संस्थाओं में पर्याप्त आवश्यक औषधियाँ एवं टीकाद्रव्य उपलब्ध

पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. मिश्रा ने बताया कि पशु पालन विभाग द्वारा उक्त लक्षण वाले पशुओं का ब्लड स्मीयर तथा ब्लड सीरम जाँच के लिए राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला, रायपुर को भेजा गया है। जिसका परिणाम प्राप्त होने पर लम्पी स्किन बीमारी की पुष्टि होगी। पशु पालन विभाग द्वारा समस्त पशु पालकों से अपील की गई है कि, उक्त बीमारी से घबराएं नहीं बल्कि लक्षण पाए जाने पर नजदीकी पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय को सूचित कर उपचार कराएं। लम्पी स्किन बीमारी की पुष्टि अभी नहीं हुई है, अतः केवल लक्षण देखकर पशु का उपचार करावें। बीमारी का समय पर जानकारी एवं उपचार होने से पशुओं को बचाया जा सकता है। जिले के सभी संस्थाओं में पर्याप्त आवश्यक औषधियाँ एवं टीकाद्रव्य उपलब्ध है। जिले में लम्पी स्किन जैसे लक्षण वाले बीमारी पूरी तरह से नियंत्रण में है।

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