सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पेंशन सहित अन्य भुगतान में विलम्ब पर न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने संज्ञान लिया।
सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पेंशन सहित अन्य भुगतान में विलम्ब पर न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने संज्ञान लिया।
भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
बिलासपुर- विभिन्न समाचार पत्रों में इस प्रकार के समाचार बहुतायात में प्रकाशित होते रहते हैं कि शासन के विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन एवं सेवानिवृत्ति पश्चात् मिलने वाली परिलब्धियों के भुगतान में अनावश्यक रूप से विलम्ब किया जाता है। कई बार बहुत ही छोटे-छोटे कारणों से इन स्वत्वों के भुगतान के लिए वृद्धजनों को अपने विभाग और कोषालय के चक्कर काटने पड़ते हैं।
विगत दिनों समाचार पत्र में इसी प्रकार के समाचार पर न्यायाधीश उच्च न्यायालय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने संज्ञान लिया कि सेवानिवृत्ति के पश्चात् 13 माहों से प्राचार्या अपने स्वत्वों के भुगतान के लिए भटक रही है। न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने इस पर कार्यवाही करने के लिए श्री आनंद प्रकाश वारियाल, सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वे सचिव, स्कूल शिक्षा को तत्संबंध में पत्र प्रेषित कर विस्तृत प्रतिवेदन के साथ यह भी जानकारी मंगवाई है कि प्रदेश भर में शिक्षा विभाग के कितने व्यक्तियों के पेंशन संबंधी प्रकरण किन कारणों से लंबित हैं। उन्होंने महालेखाकार को भी इस संबंध में पत्र प्रेषित करने का निर्देश दिया कि सेवानिवृत्त व्यक्तियों के प्रकरणों में विशेष तत्परता से यथाशीघ्र कार्यवाही किया जावे। न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने जिला न्यायाधीशों को भी पत्र प्रेषित करने का निर्देश दिया है कि संभागों के जिला न्यायालयों में स्थापित पेंशन लोक अदालत में इस प्रकार के कर्मचारियों के प्रकरणों को लेकर संबंधित विभाग, महालेखाकार से समन्वय स्थापित कर यथाशीघ्र प्रकरणों को निराकरण करावें। सेवानिवृत्त लोगों के प्रकरणों के निराकरण के लिए रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर एवं दुर्ग में पेंशन लोक अदालते कार्यरत् हैं, जहां सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी, कर्मचारियों के प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से किया जाता है। जिसकी जानकारी न होने के कारण कर्मचारीगण विभिन्न विभागों के तथा महालेखाकार कार्यालय के चक्कर लगाते रहते हैं, जबकि इन पेंशन लोक अदालतों में सभी विभाग एवं महालेखाकार कार्यालय के साथ समन्वय कर प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जाता है।