साईं बाबा की करोड़ों भक्तों को धीरेन्द् कृष्ण शास्त्री ने पहुंचाई ठेस कहा गीदड़ की खाल पहन कर कोई नहीं बन जाता शेर
जैसे ही मीडिया में धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की चर्चा कम होती है वैसे ही वे कोई ऐसा बयान दे देते हैं कि मीडिया में फिर से प्रतिस्थापित हो जाते हैं और उनके बारे में चर्चा होने लगती है शास्त्री को मीडिया का पैटर्न पता है कि कब हुए क्या बोलेंगे तो मीडिया उनके पीछे पड़ जाएगी
जबलपुर : जबलपुर के पनागर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री Dhirendra Krishna Shastri की श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हुआ। कथा के आखिरी दिन उन्होंने प्रबुद्धजनों से संवाद किया और चर्चा की। उन्होंने संवाद के दौरान हिंदू धर्म और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने पर जोर दिया। वहीं उन्होंने अपने एक बयान में साईं बाबा को भगवान मानने से इंकार कर दिया और विवादित बयान दे डाला। पं. धीरेंन्द्र शास्त्री ने संवाद कार्यक्रम के दौरान साईं बाबा को लेकर अपने बयान में यह कह दिया कि गीदड़ की खाल पहनकर कोई शेर नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि साईं बाबा भगवान नहीं है उन्होंने कहा कि साईं बाबा संत और फकीर हो सकते हैं लेकिन भगवान नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि कोई भी संत चाहे गोस्वामी तुलसीदास जी हों या सूरदास जी, ये संत हैं, महापुरुष हैं, युग पुरुष हैं, कल्प पुरुष हैं, लेकिन भगवान नहीं।
शंकराचार्य के बयान का दिया हवाला
संवाद के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जब पूछा गया कि साईं बाबा की पूजा करना चाहिए कि नहीं तो उन्होंने शंकराचार्य जी के बयानों का हवाला दिया और कहा कि हमारे धर्म के शंकराचार्य ने साईं बाबा को देवताओं का स्थान नहीं दिया है और शंकराचार्य की बात मानना, प्रत्येक सनातनी का धर्म है, क्योंकि वो अपने धर्म के प्रधानमंत्री हैं ज्ञात हो कि ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भी साईं बाबा की पूजा और मंदिरों में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का विरोध किया था और साईं बाबा को भगवान मानने से इंकार कर उन्हें मोमिनवंशी बताया था।
फिर नए विवाद ने लिया जन्म
साईं बाबा को लेकर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा गीदड़ की खाल पहनकर शेर नहीं बनने जैसे बयान के बाद एक बार फिर वे विवादों में आ गए हैं। उनके बयानों की चर्चा हर तरफ होने लगी है। इसके पहले भी उन्होंने साईं बाबा को लेकर एक बार बयान दिया था जिसमें कहा था कि साईं बाबा मुस्लिम थे और उनका नाम चांद मिया था।