स्मार्ट सिटी के फंड से केंद्र सरकार की राशि से हो रहे है शहर में विकास कार्य। 6 साल में करोड़ों खर्च के बाद भी जतिया तालाब संवर्धन एव विकास कार्य अधूरा। महापौर विधायक श्रेय लेने होड़ में। लोकप्रिय भाजपा वरिष्ठ नेता अमर अग्रवाल।
स्मार्ट सिटी के फंड से केंद्र सरकार की राशि से हो रहे है शहर में विकास कार्य। 6 साल में करोड़ों खर्च के बाद भी जतिया तालाब संवर्धन एव विकास कार्य अधूरा। महापौर विधायक श्रेय लेने होड़ में। लोकप्रिय भाजपा वरिष्ठ नेता अमर अग्रवाल।
भूपेंद्र साहू।
ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
स्मार्ट सिटी बिलासपुर-
लोकतंत्र में सरकारें आती जाती रहती हैं। जनता के हित प्रमुख होते हैं। कार्यपालिका न्यायपालिका और विधायिका भारत की संसदीय प्रणाली के आधार स्तंभ है । कांग्रेस जन एक परिवार के भजन कीर्तन में लीन रहते है।आज देश हित में कानून और लोकतंत्र के मायनो का चिंतन करने की जरूरत है। एन केन प्रकारेण राजनीतिक लाभ लेना ही सबसे बड़ा कांग्रेस का लक्ष्य बन गया है, इसलिये वे जनता के हितों के मुद्दे से परे केवल भ्रामक प्रचार और लुभाने वादे करके वोट की राजनीति करते है।
प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में भी सरकार केवल श्रेय लेने की राजनीति कर रही है। उक्त बातें पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने विकास को तरसते बिलासपुर अधूरे विकास की अधूरी कहानी अभियान के तहत दशकों पुराना जतिया तालाब के संरक्षण एवम संवर्धन कार्यं की वर्षो से अधूरी परियोजना के विरोध में आयोजित धरने के दौरान कही। उन्होंने कहा जतिया बाई के नाम पर इस ऐतिहासिक तालाब का नाम पड़ा। लगभग 7 से 8 एकड़ की भूमि में यह तालाब आसपास के क्षेत्र और मोहल्ले के हजारों रहवासी परिवारों सैकड़ो परिवारों की निस्तारी का केंद्र था, थोड़ी सी गर्मी में जल्दी सूख जाना कालांतर में इस तालाब की प्रकृति देखी गई।
अटल जी की सरकार में सन 2000 में 3 राज्यों की घोषणा की गई, झारखंड और छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ का गठन विकास की अवधारणा पर किया गया। कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन थोड़े समय मे लोग जान गए कि कांग्रेस आती है तो क्या होता है?कहने को तो शहरों के विकास के लिए योजना में इंदिरा सरोवर योजना आई लेकिन तालाबों के विकास की आड़ में ठेकेदारों की जेब भरने का काम शुरू हुआ। कुआ, तालाब बावड़ी हमारी संस्कृति का हिस्सा थे, बिलासपुर को तालाबों का शहर माना जाता था, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने आज भी ध्यान नहीं दे रही है। शहर के बड़े तालाबो के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 2016 में सरोवर धरोहर योजना के तहत 3.5 करोड़ के प्रावधान से तालाब गहरीकरण, लेवलिंग पिचिंग अन्य कार्य हुआ। 2017 में एनआईटी रायपुर और जयनारायण कमेटी के सुझाव पर जल प्रबंधन, तालाबो रखरखाव के संबंध में मूल्यांकन विश्लेषण कराया। ततपश्चात जतिया पारा में पैठु निर्माण करवाया जिससे बारहमासी साफ पानी मिल जाए। कालांतर में जब बिलासपुर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला आने वाली पीढ़ी के पांच दशकों की आवश्यकता के हिसाब से शहर विकास के लिए 100 से ज्यादा प्रोजेक्ट तैयार किये गये। 4000 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि स्मार्ट सिटी बिलासपुर के विकास के लिए केंद्र की सरकार के स्वीकृति द्वारा दी गई।
श्री अग्रवाल ने कहा जब छत्तीसगढ़ के साथ देश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी इसलिए फंड की कमी नहीं थी, आज सरकार ने संघवाद को ढकोसला बना दिया।
श्री अग्रवाल ने कहा स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत जातियापारा तालाब क्षेत्र के डीपीआर में 11 करोड का स्टीमेट आया था।
रिवाइज कर स्मार्ट सिटी मद से लगभग सात करोड़ की योजना बनाई गई । लगभग आठ एकड़ की तालाब भूमि में चारों और पाथवे, उद्यान, तालाब के अंदर फाउंटेन, बोटिंग की व्यवस्था, रेस्टोरेंट, दुकानें फूड यार्ड, बेसमेंट पार्किंग सर्व सुविधा युक्त कन्वेंशनल सेंटर बनाया जाना था लेकिन आज भी यह काम अधूरा है केवल 50 से 60 प्रतिशत कार्य होना बताया जा रहा है। शहर के विधायक तीन महीने की डेडलाइन देकर अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी सौगात देने वाले थे, लेकिन विधायक निधि से फूटी कौड़ी आज तक इस क्षेत्र के लिए नहीं दी, समय पर काम भी पूरा नहीं कराया और स्मार्ट सिटी के द्वारा पूर्व स्वीकृत किए काम का श्रेय भी ले रहे हैं । शहर के सबसे सुंदर पिकनिक स्पॉट रूप में 12 महीने में जतिया पारा तालाब के कार्य को पूरा हो जाना था लेकिन निर्माण के पूरा होने के पहले ही बाउंड्री वॉल का एक हिस्सा को ढह गया, मिलीभगत होने से जांच तक नहीं हुई ठेकेदार भी बच गया। आसपास के मोहल्लों से तालाब में आने वाले गंदे पानी के फिल्ट्रेशन के लिए एसटीपी बनाने के लिए पृथक से 60 लाख पैठु होने के बावजूद प्रावधान किया गया।अमर अग्रवाल का कहना है स्मार्ट सिटी के फंड का दुरुपयोग हो रहा है। इसे रोका जाना चाहिए। गुणवत्ता हीन घटिया काम कराया जा रहा है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा किये जा रहे कार्यों की मॉनिटरिंग में भी लीपापोती की जा रही है। उन्होंने कहा दो दिन पहले आए बजट में निगम की बजट में तालाबो के लिए फूटी कौड़ी नहीं रखी गई है।
श्री अग्रवाल ने कहा 2018 में हमने कोई नया वादा नहीं किया जो बड़ी परियोजनाओं के अधूरे रह गए काम थे,उसे पूरा करने की योजना थी ताकि बिलासपुर को अंतरराष्ट्रीय लेवल स्मार्ट शहर बनाया जाता लेकिन कांग्रेस राज में विकास काम ठप्प पड़ गए हैं। यहा जमीने उड़ने लगी है गए, चाकूबाजी भूमाफ़ियाओ, गुंडो का बोलबाला हो गया है। महामारी के काल में इंजेक्शन की कालाबाजारी भी सरकारी संरक्षण में की गई। नशा और बढ़ते अपराध का गढ़ बिलासपुर अपराधपुर बन गया है, इसलिए निजात कार्यक्रम चलाना पड़ रहा है, सत्ता संरक्षण से बढ़ते अपराधों को निजात मिलने वाली नहीं है।
आज के कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत, गुलशन ऋषि, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष जयश्री चौकसे, निखिल केसरवानी,महेश चंद्रिकापूरे दीपक सिंह ठाकुर, अजित सिंह भोगल, विजय ताम्रकार लक्ष्मी नारायण कश्यप,अमित चतुर्वेदी, सुरेश वाधवानी, चंदना गोस्वामी,वैभव गुप्ता, मोनू रजक, नितिन छाबड़ा, आशीष तिवारी, सीमा पांडे, शोभा कश्यप, रजनी यादव, संध्या चौधरी, दीप शिखा, मंजुला ठाकुर, श्वेता पांडे, प्रभा तिवारी, माया पमनानी, श्यामा सारथी,दिलीप रात्रे, सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं आम नागरिक उपस्थित थे।