छत्तीसगढ़

कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक लेकर कार्य योजना के संबंध में दिए आवश्यक दिशा निर्देश

जिले के सुदूर वनांचल पहुंच विहीन क्षेत्र के पारा, टोला में ही हितग्राहियों को मिलेगा गरम भोजन एवं रेडी टू ईट

कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक लेकर कार्य योजना के संबंध में दिए आवश्यक दिशा निर्देश
जिले में 63 पारे, टोले का किया गया चिन्हान्कन, 11 अप्रैल से दिया जाएगा उनके स्थान में ही गरम भोजन एवं रेडी टू ईट
   कवर्धा 29 मार्च 2023। जिले के सुदूर वनांचल पहुंच विहीन क्षेत्र के पारे, टोले और बसाहट में ही उनके स्थान पर अब हितग्राहियों को गरम भोजन एवं रेडी टू ईट का वितरण किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। 11 अप्रैल से सभी हितग्राहियों को उनके स्थान में ही गरम भोजन एवं रेडी टू ईट मिलना प्रारंभ हो जाएगा। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे ने महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक लेकर कार्य योजना के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
     कलेक्टर श्री महोबे ने कहा कि जिले को कुपोषण एवं एनीमिया मुक्त के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत ’’गरम भोजन’’ अनिवार्य वितरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिले के वनांचल क्षेत्रों में कई ऐसे पारे, टोले, बसाहटें है, जिसमें आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी खोले जाने के लिए आवश्यक जनसंख्या मापदण्ड पूरा नहीं करते हैं। जिसके कारण वहां आंगनबाड़ी केन्द्र नही खोला जा सकता है। उन स्थानों पर बच्चे, गर्भवती माताएं, शिशुवती माताएं को उनके पारे, टोले, बसाहटें में ही गरम भोजन एवं रेडी टू ईट दिया जाएगा। इसके लिए कार्य योजना बनाकर सभी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि संबंधित पारेटोले को मुख्य आंगनबाड़ी केन्द्र से जोड़ते हुए पूरक पोषण आहार कार्यक्रम , मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिया जाएगा।
     कलेक्टर श्री महोबे ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग को पहुंच विहीन छूटे हुए पारे, टोले का सर्वे कर चिन्हांकन करने के निर्देश दिए थे। परियोजना अधिकारीयों द्वारा 63 पारे टोले का चिन्हान्कन किया गया है। जहां के पारे, टोलों को मुख्य आंगनबाड़ी से संबद्ध कर पोषाहार का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारियां जिला प्रशासन एवं महिला बाल विकास द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले के अंतिम छोर में बसे सभी हितग्राहियों को गरम भोजन और रेडी टू ईट मिलना चाहिए। कोई भी माता या बच्चे इससे वंचित नहीं होना चाहिए।
      जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्री आनंद तिवारी ने बताया कि वर्तमान में शासन द्वारा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को रेडी टू ईट टेक होम राशन के रूप में प्रदान किया जा रहा है। जिले में सुपोषण अभियान के तहत सतत कार्य किया जा रहा है। सुपोषण अभियान के तहत कुपोषित बच्चों एवं महिलाओं को आंगनबाड़ी के माध्यम से गरम भोजन प्रदान करने की व्यवस्था की गई। इस अभियान के तहत चिन्हांकित बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र में दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार के अतिरिक्त स्थानीय स्तर पर निःशुल्क पौष्टिक आहार और 1 सेे 3 वर्ष के कुपोषित बच्चों, गर्भवती व एनीमिक महिलाओं को गर्म पौष्टिक भोजन की व्यवस्था की गई है। इन सभी सेवाओं का लाभ छूटे पारे, टोलों के हितग्राहियों को 11 अप्रैल 2023 से मिलने लगेगा।
       उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के आंकड़ों में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया की दर को देखते हुए जिले को कुपोषण और एनीमिया से मुक्त करने अभियान की शुरूआत की। राष्ट्रीय परिवार सर्वेक्षण-4 के अनुसार जिले के अधिकांश आदिवासी और दूरस्थ वनांचल इलाकों के बच्चे में कुपोषण पाया गया। इसे एक चुनौती के रूप में लिया और ‘कुपोषण मुक्त कबीरधाम़‘ की संकल्पना के मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की। अभियान को सफल बनाने के लिए इसमें जन-समुदाय का भी सहयोग लिया गया। इसका प्रतिसाद राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़़ों से भी स्पष्ट है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर कबीरधाम जिले में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में आयु अनुसार 11.1 प्रतिशत की कमी कुपोषण में आई। स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सब्जियों और पौष्टिक चीजों के प्रति भी जागरूकता बढ़ी है। इससे पोषण स्तर में सुधार आना शुरू हो गया है। स्वास्थ विभाग के सहयोग से एनीमिया प्रभावितों को आयरन फोलिक एसिड, कृमिनाशक गोली दी जाती रही। जिले को कुपोषण से मुक्त करने के लक्ष्य के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा समन्वित प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।
वर्तमान में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में संशोधन उपरान्त सभी सीवियर एनीमिक महिलाओं एवं 1 से 3 वर्ष के कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से गरम भोजन प्रदाय किया जा रहा है। बैठक में महिला एवं बाल विकास के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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