अवैध प्लोटिंग के मामले में सरपंच पर कार्यवाही किया जाना, किसी षड़यंत्र की आशंका
दुर्ग / जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत जेवरा में अवैध प्लोटिंग के एक मामले में शिकायत पर पहुचे एसडीएम लक्ष्मण तिवारी ने भूमाफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की, लेकिन उनके द्वारा ग्राम पंचायत सरपंच प्रशांत गौतम को अवैध प्लोटिंग में सहयोग किये जाने को लेकर उनके खिलाफ पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत नोटिस जारी किया है, जबकि सरपंच का कहना है कि उनके द्वारा पहले ही इन अवैध प्लोटिंग के कारोबार पर प्रतिबन्ध लगाए जाने बाबत् कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत की गई थी, वही दूसरी तरफ इस नोटिस को लेकर चर्चा का बाज़ार होता नजर आ रहा है, दरअसल एसडीएम लक्ष्मण तिवारी ने सरपंच को सिर्फ इसलिए नोटिस दे दिया, क्योकि अवैध प्लोटिंग के मामले में भूमाफियाओं के खिलाफ जब थाने में एफआईआर कराये जाने की कार्यवाही चल रही थी तो एसडीएम ने ग्राम सरपंच प्रशांत गौतम को एफआईआर रिपोर्ट में प्रार्थी बनने की बात कहने लगे, तब सरपंच ने प्रार्थी बनने से मना कर दिया था, अब धारा 40 के तहत नोटिस की बात को लेकर क्षेत्रवासियों में आक्रोश की स्थिति बनती नजर आ रही है, वही इस पुरे मामले को लेकर ग्राम पंचायत सरपंच का कहना है, कि ग्राम सिरसा में राजस्व विभाग के जिम्मेदार लोग पटवारी कार्यालय खोलकर बैठे है, जो इन भूमाफियाओं से सांठगांठ कर इस तरह का अवैध कारोबार कर रहे है, सबसे पहले तो आपको उनको मामले में प्रार्थी बनाया जाना चाहिए, उनको छोड़कर मेरे ऊपर प्रार्थी बनने का दबाव बनाना कहा तक उचित है, सरपंच ने कहा मै कोई सरकारी कर्मचारी नहीं हूँ, मै जनप्रतिनिधि हूँ मेरा काम जनता की समस्याओं को शासन तक पहुचाना है | आपको तो सबसे पहले अपने विभाग के जिम्मेदार अधिकारीयों और ग्राम एवं नगर निवेश विभाग के अधिकारीयों के खिलाफ सबसे पहले कार्यवाही करनी चाहिए, और जिसने शिकायत की है वो तो वैसे भी प्रार्थी के रूप में उनके सामने है, उनको छोड़कर एक जनप्रतिनिधि पर दबाव बनाकर प्रार्थी बनाया जाना किसी षड़यंत्र जैसा प्रतीत हो रहा है |