प्रदेश के सबसे बडे ट्रंासपोर्टर व समाजसेवी वीरा सिंह हुए पंचतत्व में लीन
उनको अंतिम बिदाई देने उमड़ा जनसैलाब, सबकी आंखे हुई नम
शहर से खोया सबसे दिलदार खुशमिजाज व्यक्ति को
भिलाई। छग के सबसे बड़े ट्रांसपोर्टर वीरा सिंह की अंतिम यात्रा आज उनके निवास स्थान कोहका से रामनगर मुक्तिधाम के लिए निकला। मुक्तिधाम में दलबीर सिंह उर्फ वीरा सिंह को उनके पुत्र इन्द्रजीत सिंह उर्फ छोटू ने मुखाग्रि दी। मुखाग्रि देने के साथ ही इन्द्रजीत सहित वहां उपस्थित सभी लोगों की आंखे नम हो गई और सभी ने उनके आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। वीरा सिंह को अंतिम दर्शन के लिए आज उनके निवास स्थान से लेकर रामनगर मुक्तिधाम तक जनसैलाब उमड़ पड़ा। शहर का कोई भी ऐसा विशिष्ट व्यक्ति नही था जो उनको अंतिम बिदाई देने के लिए इसमे शामिल न हुआ हो। वीरा सिंह के इस अंतिम यात्रा में प्रमुख रूप से सांसद विजय बघेल, विधायक एवं महापौर देवेन्द्र यादव, पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, पूर्व संसदीय सचिव लाभचंद बाफना, पूर्व विधायक भजन सिंह निरंकारी, शकुंतला ग्रुप ऑफ स्कूल के संचालक संजय ओझा, जी सुरेश बॉब, बृजमोहन ङ्क्षसह, वशिष्ट नारायम मिश्रा, पियुष मिश्रा, त्रिलोक सिंह ढिल्लो उर्फ पप्पू ढिल्लन, गार्गी शंकर मिश्रा, अनिल सिंह, उद्योगपति एवं कांग्रेसी नेता अतुलचंद साहू, एस के बेदी, ट्रासर्पोटर प्रभुनाथ बैठा, हरेन्दर राय, काली राय सहित सभी ट्रांस्पोर्ट कंपनियों के संचालक, छग सिक्ख पंचायत के अध्यक्ष श्री चहल, महासचिव गुरूनाभ सिंह कूका, सुखबीर सिंह ब्रोका, सुपेला गुरूद्वारा के प्रधान अवतार सिंह रंधावा, गुरूनानक स्कूल सेक्टर 6 के अध्यक्ष तारा सिंह, हरमीत सिंह सहित हैवी ट्रांस्पोर्ट के सभी कर्ममचारीगण सहित दुर्ग-भिलाई, रायपुर, बिलासपुर एवं आस पास के क्षेत्रों के बड़ी संख्या में ट्रांस्पोर्टर एवं कइयों हजार लोगों ने उनको अंतिम बिदाई दी।
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शहर से खोया सबसे दिलदार खुशमिजाज व्यक्ति को
हैवी ट्रंासपोर्ट के संचालक एवं समाजसेवी बीरा सिंह के गुरूवार को विशाखापट्टनम के एक निजी बडे अस्पताल में निधन हो गया था, उनके पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान कोहका भिलाई लाया गया और आज उनका अंतिम संस्कार रामनगर मुक्तिधाम में किया गया। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने नम आंखों से बिदाई देते हुए कहा कि भिलाई ने शहर का सबसे दिलदार और खुशमिजाज व्यक्ति को खो दिया। आज के दौर में ऐसा दिलदार व्यक्ति नही मिलने वाला। उनके ट्रांस्पोर्ट कंपनी में सभी समाज के लोगों के अलावा गरीब और जरूरतमंद लोग आर्थिक सहायता के लिए या सामाजिक कार्यों के सहयोग के लिए जाते थे और सभी वहां से प्रसन्न होकर जाते थे। वीरा सिंह ने अपने कुशल व्यवहार के कारण केवल भिलाई में ही नही पूरे छत्तीसगढ में अपनी एक अलग प्रतिष्ठा बनाई थी, जिसके कारण आज लोगों की आंखे नम हो गई।