वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 59 कि.मी. मेकेनाइज्ड ट्रैक रिन्यूवल व 128 कि.मी. प्वाइंट एंड क्रासिंग रिन्यूवल कार्य को अंजाम॥ रेल यात्रियों के संरक्षित सफर को सुनिश्चित करने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 67 ट्रैक मशीनों से रेल लाइनों के मेकेनाइज्ड मेंटेनेंस कार्य को दिया जाता है अंजाम॥
वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 59 कि.मी. मेकेनाइज्ड ट्रैक रिन्यूवल व 128 कि.मी. प्वाइंट एंड क्रासिंग रिन्यूवल कार्य को अंजाम॥ रेल यात्रियों के संरक्षित सफर को सुनिश्चित करने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 67 ट्रैक मशीनों से रेल लाइनों के मेकेनाइज्ड मेंटेनेंस कार्य को दिया जाता है अंजाम॥
बिलासपुर- रेल यात्रियों के संरक्षित सफर को सुनिश्चित करने में रेल लाइनों के मेंटेनेंस कार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है । वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 के अप्रैल से फरवरी महीने तक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ट्रेक मशीनों द्वारा 59 किलोमीटर ट्रैक रिन्यूवल, 128 किलोमीटर प्वाइंट एंड क्रासिंग रिन्यूवल, लगभग 6500 किलोमीटर से भी अधिक के टेंपिंग कार्य, 3300 प्वाइंट एंड क्रासिंग टर्न आउट की टेंपिंग तथा 252 किलोमीटर रेल लाइनों के डीप स्क्रीनिग कार्य को अंजाम दिया गया है ।
भारतीय रेलवे 66 हजार से भी अधिक मार्ग किलोमीटर के साथ एकल प्रबंधन के तहत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा रेलतंत्र है । कहा जाता है कि भारतीय रेलवे में प्रतिदिन आस्ट्रेलिया की पुरी जनसंख्या के बराबर लोग यात्रा करते है तथा भारतीय रेलें प्रतिदिन धरती से चाँद के बीच की कुल दूरी का ढाई गुना तय करती है ।
भारतीय रेलवे के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे लगभग 2500 रूट किलोमीटर एवं 5000 से भी अधिक ट्रैक किलोमीटर रेल लाइन के साथ प्रतिदिन औसत लगभग 347 यात्री गाड़ियों के साथ-साथ माल गाड़ियों का भी परिचालन करती है । इतनी अधिक संख्या में रेल लाइनों पर गाड़ियों के परिचालन से निश्चित ही रेल लाइनों के मरम्मत एवं रखरखाव की आवश्यकता होती है । अगर रेल लाइनों की बात की जाए तो यह मात्र लोहे के दो पटरियों को समतल जगह पर गिट्टी के ऊपर बिछाकर रेल चलाने जितनी सरल नहीं है । रेल परिचालन जितना महत्वपूर्ण है उतना ही जरूरी रेल पटरियों का मेंटेनेंस भी है । संरक्षा की दृष्टि से तो यह और भी अतिआवश्यक है ।
रेल लाइनों के मेंटेनेंस में मुख्य रूप से रेल लाइनों की लाइनिंग, लेवलिंग एवं अलाइनमेंट बहुत ही महत्वपूर्ण है इसके साथ ही साथ रेल लाइनों के नीचे बिछा हुआ गिट्टी या बैलास्ट लाइनों के लिए कुशन का कार्य करती है तथा रेल लाइनों के ऊपर पड़ने वाली गाड़ियों के भार को सही मात्रा में बाँटकर रेल यात्रियों के आरामदायक यात्रा को सुनिश्चित करने में मदद करती है ।
रेलवे लाइनों पर ट्रैको के मेकेनाइज्ड मेंटेनेंस करनेवाली ट्रैक मशीनों से ज्यादातर मेंटेनेंस का कार्य लिया जाता है । वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में लगभग 67 ट्रैक मशीने उपलब्ध है जिनमें से बलास्ट या गिट्टी को क्लीन करने वाली 06 बीसीएम मशीन, प्वाइंट एंड क्रासिंग का मेंटेनेंस करने वाली 06 यूनिमेट मशीन एवं 08 मल्टी परपज टैंपर मशीन, रेल लाइनों की पैकिंग करने वाली 07 ड्योमेटिक मशीन, 03 डायनेमिक टैंपर मशीन एवं 04 सीएसएम मशीन, रेल लाइन बिछाने वाली 06 सेट पीक्यूआरएस/एसक्यूआरएस/टी-28 मशीनों सहित यूटीवी, डीजीएस, एफ़आरएम, टीआरटी जैसी महत्वपूर्ण मशीनें शामिल है । इन मशीनों के संचालन के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के ट्रैक मशीन विभाग में लगभग 700 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है । इन कर्मचारियों को फील्ड में मशीनों के साथ कार्य के दौरान कैम्पिंग कोच की सुविधा रेलवे के द्वारा उपलब्ध कराई गई है जिसमें खाना बनाने से लेकर सोने, बैठने की पूरी सुविधा उपलब्ध है ।
रेल लाइनों पर जितना जरूरी रेलों का परिचालन, गाड़ियों का समय से चलना है । उतना ही जरूरी रेल परिचालन में संरक्षा को सुनिश्चित करना भी है । हमारे लाखो करोड़ों रेल यात्रियों के विश्वास और भरोसे पर खरा उतरने के लिए जरूरी है कि हमारे यात्रियों के ट्रेनों पर चढ़ने से लेकर उनके गंतव्य तक पहुँचने तक भारतीय रेलवे की विश्वसनीय एवं भरोसे की मुस्कान हमारे रेल यात्रियों के चेहरे पर लगातार बनी रहे॥