होली के लिए शराब का अवैध संग्रहण शुरू, पड़ोसी राज्यों से लाकर शराब का हो रहा अवैध संग्रहण सरकारी दुकानों पर नजर आ रही कोचियों की सक्रियता

भिलाई । होली में शराब की खपत कई गुना बढ़ जाती है और होली के दिन शराब की दुकानें बंद रहती है इसलिए अवैध शराब विक्रेता अत्यधिक सक्रिय हो गये है। हालांकि कलेक्टर के आदेश पर आबकारी विभाग भी अवैध शराब रखने वालों पर नजर बनाये हुए है, छोटी बडी कार्यवाही भी आबकारी विभाग ने शुरू कर दी है। हालांकि ये कार्यवाही नाम मात्र की होती है। आबकारी विभाग को पूरी जानकारी रहती है कि कौन कितना कहा से शराब संग्रहण करता है, लेकिन राजनैतिक दबाव होने के कारण वह भी ठीक से कार्य नही कर केवल खानापूर्ति की कार्यवाही करती है, इसलिए अवैध शराब बिक्री करने वालों की होली एवं अन्य शुष्क दिवस पर पौ बारह रहती है।
हर साल की तरह इस साल भी होली के लिए शराब का अवैध संग्रहण होली के दस दिन पहले से ही शुरू हो चुका है। आस पास के राज्यों से तस्करों द्वारा शराब लाकर ठिकाने लगाने का काम तेज कर दिया गया है क्योंकि होली के दिन मुंहमांगी कीमत पर शराब कोचियों द्वारा शराब को खपाया जाता है। कोचियों की तैयारी शुरू हो जाने से सरकारी शराब की दुकानों में अचानक भीड़ बढऩे लगी है। खरीदकर लाने वालों को कोचिए पौवा पीछे 10 रुपए का कमीशन दे रहे हैं।
रंग और उमंग का पर्व होली इस साल 8 मार्च को मनाया जाएगा। हर बार की तरह इस दिन सरकारी शराब की दुकानें पूर्णत: बंद रहेगी। जबकि हाल के वर्षों में होली के दिन शराब पीने और पिलाने की अघोषित परंपरा सी बन गई है।
इसे देखते हुए होली से ठीक पहले शराब के अवैध कारोबार से जुड़े असामाजिक तत्व बंद के दिन मुंहमांगी कीमत पर बेचने की तैयारी में लग जाते हैं। इस बार भी शराब का अवैध संग्रहण का खेल भिलाई-दुर्ग और आसपास के गांवों में शुरू हो चुका है। मध्यप्रदेश महाराष्ट्र और ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्यों से भी होली के मद्देनजर बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी होने की खबर सुर्खियों में है।
खास बात है कि कोचिए की भूमिका निभा रहे शराब के अवैध कारोबारी बाकायदा सरकारी दुकान से खरीदी करवा रहे हैं। इसके लिए कमीशन का लालच देकर किशोर व नौजवानों का इस्तेमाल करने से कोचिए चूक नहीं रहे हैं। इसके लिए स्वयं के दुपहिया वाहन वाले युवकों को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसे युवकों को रुपए देकर नजदीकी शराब दुकान में ग्राहक बनाकर भेजा जा रहा है। शराब खरीदकर लाने पर एक पौवा के पीछे 10 रुपए कमीशन दिए जाने की चौकाने वाली बात सामने आ रही है। दरअसल सरकारी दुकानों में एक व्यक्ति को सीमित मात्रा में शराब बेचे जाने का नियम है।
लेकिन कोचियों के लिए खरीदी करने वाले दिन भर में अनेक बार दुकान जाकर शराब खरीद रहे हैं। कोचियों के द्वारा इस तरीके से शराब खरीदकर संग्रहित किया जा रहा है।गौरतलब रहे कि होली के अवसर पर शराब की खपत साल-दर साल रिकार्ड बनाती जा रही है। जब लाइसेंसी दुकानों में शराब बिकती थी तो ठेकेदारों की आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते कोचियागिरी का अच्छा खासा बोलबाला था। होली जैसे त्योहार पर बंद के दिन ज्यादा मुनाफा कमाने के उद्देश्य से लाइसेंसी ठेकेदार अथवा उनके नुमाइंदों के द्वारा शराब की अवैध तरीके से कोचियों को आपूर्ति की जाती थी।
लेकिन अब जब सरकारी स्तर पर शराब का विक्रय प्रदेश में हो रहा है तो काफी हद तक कोचियागिरी नियंत्रित हो गई है। लिहाजा अब शराब के अवैध कारोबार से जुड़े कुछ असामाजिक तत्व सरकारी दुकानों से शराब खरीदकर होली के दिन मुंहमांगी कीमत पर बेचने का इरादा बुलंद कर तैयारी में जुट गए हैं।