छत्तीसगढ़

शहर की इन 55 स्कूलों की मान्यता रद्द, अब 25 तारीख को अधिकारियों की टीम लेंगे बड़ा फैसला

 सबका संदेश न्यूज़ छत्तीसगढ़ रायपुर- जिले में शिक्षा विभाग के नियमों का पालन नहीं करने से 55 स्कूलों की मान्यता पर खतरा मंडरा है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नियमों का पालन नहीं करने वाले 55 स्कूलों की मान्यता नवीनीकरण के दौरान निरस्त कर दी थी। आवेदन निरस्त होने पर स्कूल संचालकों को दोबारा आवेदन (Chhattisgarh Private school) देने का फरमान अधिकारियों ने जारी किया था। संचालकों के आवेदन पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 25 अक्टूबर के बाद फैसला सुनाने का निर्णय लिया है।

जिले में निजी स्कूलों का संचालन करने वाले संचालक परिजनों और छात्रों से (School Recognition Cancelled) मनमानी ना करें, इसलिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने स्कूल संचालकों को हर साल मान्यता लेने का निर्देश जारी किया था। विभागीय अधिकारियों के इस निर्देश के बाद जिले में स्कूल का संचालन करने वाले 870 संचालक ने विभाग में मान्यता का नवीनीकरण करवाने आवेदन दिया। आवेदनों पर विभागीय अधिकारियों ने स्थलों का निरीक्षण किया, तो जिले के 55 स्कूलों का लापरवाही पूर्वक संचालन होते हुए दिखा। स्थल निरीक्षण करने वाले अधिकारियों की रिपोर्ट पर जिला शिक्षा अधिकारी और मान्यता कमेटी के सदस्यों ने कार्रवाई करते हुए लापरवाह स्कूल संचालकों की मान्यता निरस्त कर दी और दोबारा आवेदन लेकर नियमों का पालन करवाने कहा है।

ऐसे मिलती है स्कूलों को मान्यता

जानकारों की माने तो माशिमं में मान्यता के लिए दो साल पहले आवेदन करना पड़ता है। मान्यता लेने से पहले जिला शिक्षा अधिकारियों से विभागीय अनुमति लेनी पड़ती है। इन अनुमति के आधार पर माशिमं के अधिकारी व मान्यता समिति के सदस्य स्कूलों का निरीक्षण करते हैं। निरीक्षण रिपोर्ट माशिमं की मान्यता कमेटी के सामने रखी जाती है। यहां मान्यता देने के संबंध में निर्णय लिया जाता है।

इन इलाकों के स्कूलों की मान्यता हुई रद्द

शिक्षा विभाग के निर्देश के बावजूद भाठागांव, कुशालपुर, जनता कॉलोनी, टिकरापारा, कैलाशपुरी,कृष्णानगर, रामकुंड, कबीर नगर, वीर सारवरकर नगर, लाभाण्डी, शंकर नगर, आमासिवनी, गायत्री नगर, गुढिय़ारी ,सांकरा, फाफाडीह, और चंद्रखुरी।

इन नियमों का पूरा नहीं करने से अटकी मान्यता

संस्था के पास स्वयं की भूमि होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर भूमि क्रय व भवन निर्माण की कार्य योजना प्रस्तुत करना चाहिए।
0 स्कूल के पास खेलकूद का मैदान होना चाहिए।

0 स्कूल में प्रयोगशाला होना चाहिए।
0 पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था होना चाहिए।

0 स्कूल में लाइब्रेरी होना चाहिए।
0 छात्र- छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय होना चाहिए।

नियम का पालन नहीं करने वाले 55 स्कूलों की मान्यता रोककर, उनसे दोबारा आवेदन लिया गया है। 25 अक्टूबर को विभागीय बैठक में मान्यता का निर्णय लिया जाएगा। जो नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जीआर चंद्राकर, जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर

 

 

 

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