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बिना राष्ट्रीय पहचान के स्वतंत्रता की कल्पना व्यर्थ है…

सक्ती -बिना राष्ट्रीय पहचान के स्वतंत्रता की कल्पना व्यर्थ है…का आगाज करने वाले, एकात्म मानववाद के प्रणेता, अंत्योदय के हित चिंतक पण्डित दीनदयाल उपाध्याय युग पुरुष थे यह बात अधिवक्ता चितरंजय पटेल ने दीनदयाल उपाध्याय की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा। आज सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय सक्ती में पुण्य तिथि पर स्मरण करते हुए दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्वलन के साथ अधिवक्ता पटेल ने बताया कि वे महान दार्शनिक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आदर्श चिन्तक और संगठक होने के साथ ही भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद नामक विचारधारा भी उन्होंने ही दी। वे एक समावेशित विचारधारा के पोषण होने के साथ एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे आज आपके पुण्यतिथि पर आपका स्मरण करते हुए विद्यालय परिवार ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया ।
पश्चात स्वास्थय एवम् परिवार कल्याण विभाग के राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत कृमि प्रतिरोधक दवा एलबेंडाजोल का सेवन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें स्वास्थय विभाग के प्रतिनिधि चंद्र कुमार साहू आर एच ओ ने विद्यालय के व्यवस्थापक चितरंजय पटेल को सर्वप्रथम गोली खिलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। पश्चात विद्यालय के आचार्य गणों एवम् भैया बहनों को कृमि प्रतिरोधक दवा का सेवन कराया गया।

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