छत्तीसगढ़

मनरेगा से बनी डबरी, अब लहलहा रही फसल॥ तरकारी की खेती से बढ़ी श्री लालाराम की आय॥

मनरेगा से बनी डबरी, अब लहलहा रही फसल॥ तरकारी की खेती से बढ़ी श्री लालाराम की आय॥

भूपेंद्र साहू.
ब्यूरो चीफ बिलासपुर.
बिलासपुर- जिले में महात्मा गांधी मनरेगा के कार्यो से ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। विगत चार बरस में सरकार द्वारा लोगों की बेहतरी के लिए जा रहे प्रयासों की बदौलत ग्रामीणों की दशा और दिशा बदल गयी है। अब न केवल उन्हें रोजगार मिल रहा है बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार आया है। इसी कड़ी में मनरेगा योजना (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत हितग्राहियों के बाड़ी में डबरी और कुंआ बनाया जा रहा है। बाड़ी में डबरी और कुंआ बन जाने से किसानों की सिंचाई जैसी समस्या का समाधान हो जा रहा है।
जनपद पंचायत तखतपुर के ग्राम पंचायत राजपुर के किसान श्री लाला राम उन्हीं हितग्राहियों में से है जिन्हें इस योजना का लाभ मिला है। श्री लालाराम की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उनके पास लगभग एक एकड़ जमीन थी। अब वहां डबरी बन जाने से उनकी सिंचाई के लिए पानी की चिंता दूर हो गई हैं। डबरी में पानी की उपलब्धता के चलते लालाराम सब्जी तरकारी की खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ी है। पहले सिंचाई के लिए पानी न होने के कारण वे खेती नहीं कर पा रहे थे। पानी की समस्या से वे लगातार जूझ रहे थे। इस बीच उन्हें प्रशासनिक अमले से जानकारी मिली की मनरेगा के तहत डबरी निर्माण कराया जा सकता है। लालाराम के लिए यह योजना वरदान साबित हुई। लालाराम और उनके परिवार के लिए सरकारी योजना नई उम्मीद बनकर आई है। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ मिलने के बाद अब तक वे डबरी की मेढ़ पर राहर की 2 फसल ले चुके हैं। इसके अलावा मेढ़ के किनारे व बगल की जमीन में पपीता, अमरूद, केला, जामुन, अनार एवं विभिन्न प्रकार की सब्जियां सेमी, प्याज, लाल भाजी, पालक, धनिया, मेथी, टमाटर आदि फसल लगाने से उन्हें अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है।
भविष्य में डबरी में मछली पालन, बत्तख पालन एवं सिंघाड़े की फसल लगाने की भी सोच रहे हैं। शासन की इस योजना से उन्हें ना केवल डबरी बनाने के लिए राशि स्वीकृत हुई अपितु इसमें उन्हें रोजगार भी मिला है। श्री लालाराम कहते हैं कि शासन की इस योजना ने उनके जीवन में खुशहाली ला दी है।

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