छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

निगम की खाली जमीन पर भू माफिया की नजर

हक के अतिरिक्त निगम की जमीन पर तार घेरा से कर रहे भूखण्ड पर कब्जा

भिलाई। भिलाई-चरोदा नगर निगम के स्वामित्व की खाली पड़ी जमीन पर भूमाफिया की नजर लग गई है। यह जमीन भिलाई-3 के विश्व बैंक कालोनी की है। यहां पर लगभग दो मीटर लंबी सड़क के समानांतर 70 फीट तक की जमीन निगम की है। इस दायरे के आगे की जमीन पर हक रखने वाले एक तरह से अतिक्रमण के इरादे से निगम के आधिपत्य वाली जमीन पर तारघेरा लगा रहे हैं। अपनी जमीन के सीमांकन को लेकर बरती जा रही निगम के जिम्मेदारों की उदासीनता वाने वाले दिनों में भारी पड़ सकती है।

नगर निगम भिलाई-चरोदा के जिम्मेदार अफसरों की उदासीनता से उसकी आधिपत्य वाली खाली पड़ी जमीन पर अवैध कब्जा होने का खतरा मंडराने लगा है। इस तरह की हालात विश्व बैंक कालोनी में नजर आने लगे हैं। यहां पर कालोनी के मुक्तिधाम छोर में मुख्य सड़क से नाले की ओर गुजरी तकरीबन दो सौ मीटर लंबी  सड़क के समानांतर खाली पड़ी 70 फीट दायरे की जमीन भू माफिया के निशाने पर आ गई है। सड़क से 70 फीट आगे लोगों की निजी जमीनेें है। लेकिन कुछ लोगों के द्वारा लगाए जा रहे तार घेरे से निगम की जमीन पर अतिक्रमण की संभावना साफ नजर आ रही है।

दरअसल, सड़क के 70 फीट जमीन नगर निगम की होने का दस्तावेजी प्रमाण है। ऐसे में सड़क के एकदम किनारे से आसपास के निजी जमीन मालिकों द्वारा तार घेरा किया जाना उनके निगम की जमीन पर अतिक्रमण के इरादे को साफ तौर से जाहिर कर रहा है। बावजूद इसके निगम के अधिकारियों के द्वारा सीमांकन का कोई प्रयास नहीं किया जाना आने वाले दिनों में कानूनी विवाद का कारण बन सकता है।

बताया जा रहा है कि इस सड़क के किनारे निगम की 70 फीट जमीन दो सौ मीटर की लंबाई में खाली है उसके आगे कुछ किसानों की जमीन है। साडा काल में विश्व बैंक कालोनी बसाने उन्ही किसानों से वर्ष 1986 में जमीन अधिग्रहित किया गया था। विश्व बैंक कालोनी विकसित होने के साथ ही साडा द्वारा काली जमीनों को समय-समय पर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन के इरादे से आरक्षित रखा गया। निकाय बनने के बाद भी विश्व बैंक कालोनी की कुछ भूखण्ड योजनाओं के क्रियान्वयन के अभाव में अब भी खाली पड़ी हुई है।

जानकारी के अनुसार जिस सड़क के किनारे की 70 फीट चौड़ी और तकरीबन दो सौ मीटर लंंबी जमीन पर कुछ लोगों की नजर लगी है उस सड़क की चौड़ाई मास्टर प्लान में 30 फीट दर्ज है। लेकिन फिलहाल वहां महज 10 फीट की जर्जर हो चुकी डामरीकृत सड़क का अस्तित्व है। इसी 10 फीट की बरसों पहले बनी सड़क के ठीक बाजू से कतिपय लोग तारघेरा लगा रहे हैं। समय रहते निगम की ओर से सीमांकन नहीं कराया जाता है तो मास्टर प्लान में 30 फीट की उल्लेखित सड़क को भविष्य में अस्तित्व में लाया जाना भी संभव नहीं हो सकेगा। इसके अलावा शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में भी जमीन के अभाव का सामना निगम को करना पड़ सकता है।

सामान्य सभा में मच सकता है हंगामा

नगर निगम की आगामी सामान्य सभा 11 अक्टूबर को निश्चित की गई है। इस सामान्य सभा में विश्व बैंक कालोनी के निगम आधिपत्य वाली जमीनों पर निजी लोगों के द्वारा लगाए जा रहे तार घेरा पर हंगामा मच सकता है। बताते हैं इस मामले की ओर निगम के पक्ष विपक्ष के कुछ पार्षदों ने अफसरों का ध्यानाकर्षण कराते हुए सीमांकन कराने का सुझाव दिया है। लेकिन महीना भर बाद भी सीमांकन के प्रति अफसरों की उदासीनता नहीं टूटने से पार्षदों में सुलग रहा आक्रोश 11 अक्टूबर को होने वाली सामान्य सभा में विस्फोटक रूप धारण कर सकता है।

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