दुर्ग पुलिस की छबि धूमिल कर रही नंदिनी थाना पुलिस
दुर्ग / दुर्ग पुलिस की बेहतर पुलिसिंग को हमेशा से छत्तीसगढ़ में एक मिसाल के रूप में देखा जाता है, उसके बाद अगर दुर्ग जिला को डॉ अभिषेक पल्लव जैसे कप्तान का मिलना किसी सोने पे सुहागा से कम नहीं, क्योकि पहले ही दुर्ग जिले की पुलिसिंग समूचे राज्य में अपना लोहा मानवती आई है उसके बाद दुर्ग जिले की कमान जबसे डॉ अभिषेक पल्लव ने संभाली है, दुर्ग पुलिस रोज नित नये खुलासे करती नजर आ रही है, अब पुलिस की कार्यशैली से कारोबारियों और अपराधियों में दहशत का माहौल व्याप्त होता नजर आ रहा है, और वही अब शहर कि आम जनता भी चैन की सांस लेती नजर आ रही है, लेकिन वही दूसरी तरफ नंदिनी थाना पुलिस दुर्ग पुलिस कि छबि को धूमिल करने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ रहे है, बताया जा रहा है कि नंदिनी थाना में तीन लोग ऐसे है, जो राजनीतिक पहुच के दम पर करीब 9 साल से एक ही जगह कुण्डलीं मारकर बैठे है, जिसना स्थानांतरण आज तक नहीं हुआ, अगर हुआ भी तो राजनितिक पहुच के दम पर वो कुछ ही दिनों में फिर से नंदिनी थाने में वापस आ गए | सूत्र बताते है नंदिनी थाना में थाना प्रभारी इन तीन पुलिस कर्मियों के ऊपर निर्भर है | अगर पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव सिर्फ थाने में दर्ज एक माह का 155 पर अपनी कृपादृष्टि बना लें, जिसे फैना भी कहा जाता है तो कई मामले ऐसे दिखाई देंगे, जिसमे एक आम आदमी की शिकायत का गला घोटा गया है, बताया जाता है कि नंदिनी थाना पुलिस सिर्फ अवैध कारोबारियों पर नजर रखने का कार्य करती है, ताकि कोई अवैध कारोबारी बिना कमीशन दिए उनकी नजर से बचकर ना निकल जाए,
ऐसे ही एक मामले का यहाँ जिक्र किया जाना जरुरी है।
ऐसा ही एक ताज़ा मामला अक्टूबर 2022 का है, एक शासकीय स्कूल से सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक है कुंभकर्ण जोशी जो धमधा ब्लाक के थाना क्षेत्र नंदिनी के मुरमुंदा ग्राम में निवासरत है, सेवानिवृत्त होने के बाद से ही अपने बेटे निर्मल कुमार के साथ मिलकर एक टेंट हाउस की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते है, उनके व्यवहार में इतनी सरलता है कि वो अपने से छोटे उम्र के लोगो से भी बाबु भैया से निचे बात ही नहीं करते है, कहते है कि शिक्षक हमेशा सिधांतवादी होते है, जो जिंदगी भर गलत और सही का हमे फर्क सिखाते है । वैसे ही एक शिक्षक जोशी जी ने सेवानिवृत के बाद अपने जीवन की गाड़ी को चलाने गांव में ही टेंट हाउस का काम करने एक चार पहिया वाहन बुलोरो खरीदा था, जिसका वाहन क्रमांक सीजी 07 सीए 6585 है,
वही मुरमुंदा में ही एक सूदखोर गौदरस रहता है जो अपनी दहशतगर्दी के दम पर अपने गाव समेत आसपास के कई गाव में अपना सूदखोरी का धंधा चलाता है, बताया जाता है कि वो पूरा परिवार ऐसा ही है, उसका पूरा परिवार शराब के नशे में आये दिन किसी से भी उलझते रहते है, लेकिन उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत करने की किसी में हिम्मत नहीं है, और इनकी पहले भी कई शिकायतें नंदिनी थाने दर्ज है, यह भी बताया जाता है उसके परिवार में जितनी भी गाड़ियां है वो ऐसे ही छीनकर चला रहे है।
घटना 09 अक्टूबर की है जब गौदरस शराब के नशे में अपनी बेटी के साथ जोशी के घर पंहुचा, जहा गली गलौज जान से मारने की धमकी देते हुए सामने कुर्सी में रखी गाड़ी की चाबी लेकर अपनी बेटी को दिया और बोला की तुम मेरा पैसा लग रहे हो इसलिए मै गाड़ी ले जा रहा हूँ, और ज्यादा होसियारी दिखाओगे तो पुरे परिवार को जान से मार दूंगा, और उसकी बेटी ने गाड़ी को चालू किया और लेकर वहा से चले गए, इस दौरान कुम्भकर्ण जोशी ने गाड़ी ले जाते समय हो रहे विवाद का वीडियो भी बनाया, और मामले की शिकायत नंदिनी थाना में की, लेकिन नंदिनी थाना के द्वारा कुम्भकर्ण जोशी को फोन कर समझौता कराये जाने थाने बुलाया जाने लगा, लेकिन कुम्भकर्ण जोशी जिसने गलत कार्यों के खिलाफ खड़े होने की पूरे जीवन शिक्षा दी वो समझौता कैसे करते, उन्होंने समझौते से इंकार कर दिया, समझौते से इनकार किये जाने के बाद पुलिस ने मामले में 155 फैना काटकर देने की बात कही तो कुम्भकरण जोशी ने मना कर दिया, और कहा कि उसके साथ जिस तरह से घटना हुई है, पुरे परिवार ही नही गांव के सामने गाली गलौज किया गया है पुरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई है, उनके दरवाजे के सामने से खड़ी गाड़ी को जबरदस्ती अवैध तरीके से लेकर अपने पास रखा है, उस गाड़ी से धान की ढोया जा रहा है, उन्होंने कहा ये तो अपराध है उन्हें तो कार्यवाही चाहिए, और उन्होंने मामले में दुर्ग पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाईं |
बड़ा सवाल यह है कि क्या लूट जैसे अपराध में आरोपी लेनदेन की बात कहकर क़ानूनी कार्यवाही से बच जायेंगे? चलो थोड़ी देर के लिए मान लिया जाए कि प्रार्थी से आरोपी का लेनदेन का विवाद था, तो आरोपी को उसकी खिलाफ शिकायत देनी चाहिए थी, लेकिन उसने अपराध का सहारा लिया, तो क्या उसको अपराध नहीं माना जायेगा?
हद तो तब हो गई जब अनुविभागीय दंडाधिकारी का भेजा हुआ 107,116 (3) का नोटिस कुम्भकरण जोशी को मिला, अब ये नोटिस गाव भर में चर्चा का विषय बना हुआ है, जबकि गौदरस की दहशतगर्दी के किस्से आम है, उसके बावजूद एक सीधे साधे शिक्षक पर गाव का माहौल ख़राब करने का आरोप लगा है,
नंदिनी पुलिस के द्वारा उचित कार्यवाही नहीं किये जाने और अनुविभागीय दण्डाधिकारी के 107, 116 ( 3 ) के नोटिस के बाद तो आरोपी के इतने हौसले बुलंद हो गए की गौदरस के बेटे ने कुम्भकरण के भतीजे पर रॉड से जानलेवा हमला कर दिया, जिससे कुम्भकरण के भतीजे के पीठ कंधे में चोट आई वही उसका सर फट गया, उसके बाद जब देर रात मामला नंदिनी थाना पंहुचा तो पुलिस ने कुम्भकरण के भतीजे का डॉक्टरी मुलाहिजा कर 155 थमा दिया, अब तो हद हो गई, अब क्या पुलिस ऐसे जानलेवा हमले में भी फैना काटने से बाज़ नहीं आएगी? आखिर एक अपराधिक प्रवृति वाले परिवार पर पुलिस इतनी मेहरबान क्यों है ये समझ से परे है |