PM मोदी ने ‘सदैव अटल’ पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री को दी श्रद्धांजलि, राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति भी रहे मौजूद

नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी की आज 98वीं जन्म जयंती है, जिसे बीजेपी गुड गवर्नेंस डे के रूप में पूरे देश में मना रही है. प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी पूर्व पीएम की समाधि ‘सदैव अटल’ पहुंचकर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत अन्य मंत्री और नेता पूर्व
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करने समाधि स्थल पहुंच गए हैं. राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी भी अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे. भाजपा ने सभी बूथों पर अटल जयंती को व्यापक स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री की कविताओं पर आधारित काव्यांजलि कार्यक्रम भी आयोजित होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ का भी आज प्रसारण होगा.भाजपा के वरिष्ठ नेता, मंत्री, सांसद और विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में जनता के बीच रहकर पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सुनेंगे. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अटल जयंती के मौके पर ‘संकल्प अटल, हर घर नल का जल’ अभियान के तहत राज्य के 98000 घरों को ‘नल कनेक्शन’ का तोहफा देगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री की 98वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मूल्यों व आदर्शों की राजनीति के साधक, प्रखर वक्ता, उत्कृष्ट कवि, पूर्व प्रधानमंत्री, ‘भारत रत्न’ श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि! आपका ऋषितुल्य जीवन सभी राष्ट्र आराधकों के लिए प्रेरणा है. आप सभी को ‘सुशासन दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं.’अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था. उनका छात्र जीवन से ही राजनीतिक गतिविधियों में गहरा रुझान रहा. अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने हिस्सा लिया और जेल भी गए. कॉलेज और स्कूली शिक्षा ग्वालियर से पूरी हुई. उन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से स्नातक किया. अटल जी ने अपने पिता के साथ ही कानपुर के डीएवी कॉलेज से लॉ की पढ़ाई की. दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे और हॉस्टल में एक ही कमरे में रहा करते थे. वर्ष 2018 में 16 अगस्त को उनका निधन हुआ. एक आदर्श राजनेता के तौर पर मशहूर अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने 26 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. वर्ष 2014 में अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय जी को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया.इसके तुरंत बाद मोदी सरकार ने अटल जी की जयंती को भारत में सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश में पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन बनाने के लिए नागरिकों और विशेषकर छात्रों को सरकार की प्रतिबद्धता से अवगत कराना है. अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्हें चार अलग-अलग राज्यों से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचने का गौरव हासिल है. लोकसभा में अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया था. ‘सुशासन’ के इस अटल शिल्पकार ने प्रधानमंत्री पद संभालते ही स्वराज को सुराज में बदलने का संकल्प लिया. इतिहास के आइने में जब भी उन्हें देखा जाएगा, अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति में नैतिकता के उच्च मापदंड स्थापित करने वाले शिखर पुरुष के तौर पर याद आएंगे.