नगर पालिका में कुर्सी छीनने का दौर चालू अध्यक्ष के बाद अब नजर उपाध्यक्ष की खुर्सी पर

नगर पालिका में कुर्सी छीनने का दौर चालू अध्यक्ष के बाद अब नजर उपाध्यक्ष की खुर्सी पर
मुंगेली ;- नगरपालिका के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह के विरुद्ध जनहित के मुद्दों पर ध्यान नहीं देने परिसद की बैठक में सही समय उपस्थिति नहीं होना का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को लिखित आवेदन देकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कहीं
नगर पालिका मुंगेली में कांग्रेस द्वारा नगर उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए परीक्षा की घड़ी है क्योंकि स्पष्ट रूप से बहुमत अब कांग्रेस के पास है बदलते समीकरण में 22 वार्ड वाली नगर पालिका में वर्तमान में भाजपा से तीन निष्कासित पार्षद काग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस के पास अब 13 पार्षद है वहीं 9 पार्षदों के साथ भाजपा के उपाध्यक्ष सत्ता में काबिज है।
नगरपालिका के कांग्रेस समर्थित 13 पार्षदों ने एक साथ होकर नगरपालिका के उपाध्यक्ष मोहन मल्लाह के विरुद्ध जनहित के मुद्दों पर ध्यान नहीं देने, परिषद के बैठक में सही समय में उपस्थित नहीं होना का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर को लिखित आवेदन दिया गया इसके बाद से नगर की राजनीति में गर्माहट आ गई है
मुंगेली नगर में कई तरह के कयास लगाए जा रहे है नगर में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा का दौर जारी है एक ओर जहां भाजपा संगठित और अनुशासित पार्टी के रूप में जानी जाती है इसे देखते हुए लोगों के जेहन में यह बात तो साफ है की ऐसी स्थिति में कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर किस प्रकार की रणनीति तैयार कर रही होगी इसे लेकर भी चर्चा होती रही कांग्रेस के पार्षद भी इस दौरान लोगों के निशाने पर है
उल्लेखनीय है कि जब 2019 में नगरीय निकाय चुनाव हुए थे उस वक्त भाजपा ने नगरपालिका के 22 में से 11 वार्डों में जीत दर्ज की थी। वही 9 वार्डों में कांग्रेस और एक में जोगी कांग्रेस और एक निर्दलीय जीत दर्ज की थी। तब जोगी कांग्रेस से जीते एक पार्षद ने सत्ता के लालच में कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इसके बाद भी एक निर्दलीय पार्षदो के समर्थन से भाजपा अपना नगर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनाने में सफल हुई थी।
जिसके चलते नगरपालिका में कांग्रेसी पार्षदों की संख्या 10 पहुंच गई थी। तब से ही नगर पालिका में उलटफेर चर्चा शुरू हो गई थी, लेकिन तब स्थिति सामान्य रही जिसके चलते तमाम कयासों पर उसी समय विराम लग गया था।