किसानों के सरकार की बेहतर योजना पर पलीता लगा रहे सीएमओ
रतनपुर-रतनपुर. नरवा , गरुवा, घुरवा और बारी से प्रदेश के किसानों का विकास करने की कसीदे गढ़ते छत्तीसगढ़ की सरकार ने चार साल पूरा कर लिया है. वहीं इस योजना की जमीनी तस्वीर कैसी है जिला और संभाग मुख्यालय से आधे घंटे की पहुँच पर स्थित शहर रतनपुर में साफ नजर आ रही है. जहाँ गोबर बेचने के बाद किसान अपने बीस हजार रुपए का भुगतान पाने अपनी एड़ियाँ घिस रहा है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों की आय बढ़ाकर स्वावलम्बी बनाने गोबर की खरीदी शुरू की. इस योजना के तहत नगर पालिका परिषद् रतनपुर में भी किसानों के धान की खरीदी की जा रही है. मेला परिसर आठाबीसा तालाब के पास स्थित मणिकंचन केंद्र में किसानों के गोबर की खरीदी की जा रही है. वार्ड नंबर छह निवासी किसान और पूर्व पार्षद तपेश्वर तिवारी ने भी दूसरे किसानों के साथ गोबर की ब्रिकी नगर पालिका परिषद द्वारा संचालित मणिकंचन केंद्र में की है. लेकिन उनके द्वारा बेचे गए गोबर के बीस हजार रुपए से भी अधिक बकाया का भुगतान नहीं किया जा रहा है. नगर पालिका परिषद के अधिकारी कर्मचारी गोलमोल बातें बना कर रुपए देने में टालमटोल कर रहे हैं. इससे परेशान किसान तपेश्वर तिवारी ने बीते दिनों खंड स्तरीय जन समस्या निवास शिविर में भी की है. वहां से भी उनके रुपए की भुगतान के लिए सकारात्मक कार्रवाई होती नहीं दिख है.
साल भर से नहीं किया है भुगतान
किसान तपेश्वर तिवारी ने बताया नगर पालिका परिषद रतनपुर द्वारा मेला परिसर आठाबीसा तालाब के पास स्थित मणिकंचन केंद्र में जाकर साल 2020-21 में गोबर बेची है. गोबर के छब्बीस हजार रुपए का भुगतान बकाया था. इसमें से नगर पालिका से दो किस्त में तीन तीन हजार रुपए खाते में भेजी है. इसके बाद बीते एक साल से बीस हजार से अधिक बकाया का भुगतान नहीं किया जा रहा है.
गोलमोल जवाब दे रहे अधिकारी
बकाया भुगतान को लेकर नगर पालिका परिषद के अधिकारी कर्मचारी गोलमोल जवाब देकर टालमटोल कर रहे हैं. अधिकारी कहते हैं राशि बैंक में भेज दिए थे नंबर में गड़बड़ी की वजह से भुगतान अटका है. परेशान होकर इसकी शिकायत खंड स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में की है.
वहीँ जब हमने नगर पालिका सीएमओ मनीष वारे की पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार
कर दिया है इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी सरकार के महत्व पर इस तरह से पलीता लगा रहे है |
हमारे विभाग गोबर खरीदी की राशि की भुगतान नहीं किया जा रहा है इसका भुगतना कृषि विभाग के द्वारा किया जा रहा, एस के दुबे ज्वाइन डायरेक्टर बिलासपुर