छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

कार्यस्थल से लौटते समय दुर्घटना के शिकार श्रमिकों को मिले श्रम कानून के तहत मुआवजा 0 ठेकेदार नवीन कुमार नहीं कर रहा है सहयोग 0 मुख्य न्योक्ता बीएसपी भी नही ले रहा सुध

BHILAI:-। एचएमएस से संबंद्ध बीएसपी सेल ठेका कर्मचारी यूनियन के महासचिव लखविंदर सिंह ने कार्य स्थल से लौटते समय सड़क दुर्घटना का शिकार होकर गंभीर रूप से घायल दो श्रमिकों को श्रम कानून के तहत लाभ दिलाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्य न्योक्ता सिविल इंजीनियरिंग विभाग बीएसपी प्रबंधन को भी सुध लेनी चाहिए। बीएसपी सेल ठेका कर्मचारी यूनियन के महासचिव लखविंदर सिंह ने बताया कि 22 जून को सेक्टर 1 में मुर्गा चौक के पास अज्ञात डम्फर वाहन के चपेट में आकर दिलीप कुमार और अजय सिंह नामक सुपरवाईजर, ठेकेदार के अधीन सुपरवाईजरी करने वाले युवक गंभीर रूप से घायल हो गये है। घायल दिलीप कुमार बीएसपी एचएससीएल के ठेकेदार नवीन कुमार सिंह तथा दूसरा ठेकेदार मोतीलाल ब्रदर्स का मुलाजिम है। ये दोनों ठेका कंपनी बीएसपी के ठेका प्रचलन अधिकारी के माध्यम से रोलिंग मिल के समीप सड़क निर्माण कार्य कर रहे है। इसी काम में दिलीप और अजय सिंह सुपरवाईजरी करते है। 22 जून को काम का ओव्हर टाइम करने के बाद शाम 8 बजे घर लौटते समय सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये।

श्री सिंह ने बताया कि दोनों युवक कार्यस्थल से घर लौटते समय सड़क दुर्घटना का शिकार हुए है इस लिहाज से उन्हें सबसे पहले बीएसपी के मेन मेडिकल पोस्ट ले जाना था, लेकिन ऐसा नही कर सीधे सेक्टर 9 अस्पताल ले जाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने सुविधाओं में कमी का हवाला देकर किसी दूसरे अस्पताल ले जाने की सलाह दी। इसके बाद दिलीप को हाईटेक अस्पताल और अजय सिंह को चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि ठेकेदार मोतीलाल ब्रदर्स के द्वारा अपने सुपरवाईजर अजय सिंह के उपचार में यथासंभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है। लेकिन ठेकेदार नवीन कुमार सिंह के द्वारा दिलीप कुमार के उपचार हेतु 15 हजार रूपये देने के बाद पल्ला झाड़ लिया गया। आज तक ठेकेदार अस्पताल देखने तक नही गया। परिजनों के फोन का भी ठेकेदार जवाब नही दे रहा है। इसमें घायल दिलीप के इलाज होने पर सवाल खड़े हो गये हैं। बीएसपी के अधिकारी कर्मियों व मजदूरों से सुरक्षा की अनीदेखी कर काम कराते है। उन्हें सिर्फ मजदूरों से कार्य करवाने तक ही मतलब होता है। उनके सुख दुख और दुर्घटना से कोई लेना देना नही है।

श्री सिंह ने बताया कि दुर्घटना के बाद मुख्य न्योक्ता होने के नाते बीएसपी द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से इन्जयूरी फार्म भरवाया गया था। दोनों सुपरवाइजर ओव्हर टाइम काम करके लौट रहे थे। ठेकेदारों को ओव्हर टाइम की अनुमति प्राप्त थी कि नही यह भी जांच का विषय है। बीएसपी प्रबंधन को नैतिकता के नाते घायलों की सुध लेनी चाहिए। ऐसा नही किए जाने से श्रम कानून के तहत दोनों घायलों को मिलने वाले लाभ से वंचित होना पड़ा रहा है। उन्होंने मुख्य न्योक्ता बीएसपी सिविल इंजीनियरिंग विभाग से से मांग की है कि दोनों घायलों के समुचित उपचार और मुआवजा दिलाने का प्रबंध करें।

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