खास खबरछत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

भिलाई निगम के अधिकारी-कर्मचारियों के खातों में आया वेतन

भिलाई । नगर पालिक निगम भिलाई के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए दोहरी खुशी का पल है। भिलाई निगम के अधिकारी और कर्मचारियों के खातों में सैलरी आ गई है। वह भी निगम के खुद के राजस्व की आय से सैलरी का भुगतान किया गया है। यह बड़ी बात है। राजस्व वसूली में तेजी हुई है। कुर्की का अभियान भी जारी है। निगम लगातार राजस्व बढ़ाने पर जोर दे रहा है। इसी कड़ी में वल्र्ड बैंक परियोजना अंतर्गत संपत्ति सर्वे का कार्य किया जाएगा। संपत्ति का ड्रोन सर्वे भी होगा और जीआईएस मैप तैयार कर डिजिटल डोर नंबर जारी किया जाएगा। इससे निगम के राजस्व में अच्छी खासी वृद्धि होगी और अधिकारीध्कर्मचारियों के वेतन भुगतान में समस्या नहीं आएगी। भिलाई में संपत्ति के सर्वे कार्य के लिए एजेंसी भी तय हो गई है। शीघ्र ही इस पर कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
उपायुक्त नरेंद्र बंजारे ने बताया कि जीआईएस मैप से कोई भी भवन इससे अछूते नहीं रहेंगे, उनका एरिया, लोकेशन, क्षेत्रफल सभी की जानकारी इससे मिल जायेगी। स्व विवरणी की जांच में भी आसानी होगी। गलत स्व विवरणी देने वाले इसके दायरे में आ जायेंगे और इनसे वास्तविक एरिया के मुताबिक वसूली की जाएगी।
भिलाई निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को इस महीने के वेतन में बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता जुड़कर मिलेगा। अक्टूबर माह की सैलरी में इजाफा हुआ है। 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता का तोहफा अधिकारी-कर्मचारियों को मिला है। इसके साथ ही महंगाई भत्ता अब 33 प्रतिशत की दर से सातवां वेतनमान प्राप्त करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन देने के लिए महापौर नीरज पाल एवं निगम आयुक्त रोहित व्यास प्रयासरत थे। लगातार राजस्व वसूली को बढ़ाने पर जोर दिया गया, जिसके चलते निगम के राजस्व से ही अधिकारी-कर्मचारियों का भुगतान संभव हो पाया है। निगम के कर्मचारी संघ ने इस पर महापौर एवं आयुक्त का आभार जताया है।
कैसे बढ़ेगा राजस्व, निगम ने बनाया एक्शन प्लान
राजस्व वसूली के लिए निगम ने एक्शन प्लान तैयार किया है, जिससे निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को वेतन देने के साथ ही विकास कार्यों को बल मिलेगा। भिलाई निगम राजस्व को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अब इस प्रक्रिया में भिलाई निगम क्षेत्र अंतर्गत स्थित भवनों-भूमियों पर संपत्तिकर समेकित कर स्व निर्धारण प्रक्रिया के अंतर्गत लिया जा रहा है। निर्माणाधीन आवासीय एवं व्यवसायिक कांप्लेक्स जैसे.जैसे पूर्ण हो रहे हैं इनका संपत्तिकर, समेकितकर स्व विवरणी के माध्यम से जमा कराने का काम किया जा रहा है।

Related Articles

Back to top button