छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

प्रोपेन प्लांट एक ने आंतरिक संसाधनों से जीर्णोद्धार कर किया कमाल

 

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र का प्रोपेन प्लांट-1 एक बेहद खतरनाक श्रेणी में आने वाला एक विभाग है। विदित हो कि प्रोपेन प्लांट-1 द्वारा स्टील मेल्टिंग शॉप-2 एवं प्लेट मिल को अनवरत प्रोपेन गैस की आपूर्ति की जाती है। तरल प्रोपेन से वाष्प के बदलने हेतु वेपोराइजर का उपयोग किया जाता है एवं वेपोराइजर क्रमांक-1 की स्टीम क्वाइल खराब होने से कई वर्षों से बंद पड़ी थी जिसे प्रोपेन प्लांट-1 की प्रतिबद्ध टीम ने आंतरिक संसाधनों से जीर्णोद्धार करने का बीड़ा उठाया।

इसके जीर्णोद्धार हेतु बाजार से क्वाइल लेने पर दो लाख रूपये खर्च करने पड़ते परंतु आंतरिक संसाधनों से नयी स्टीम क्वाइल को बनाकर मात्र 40,000 रु में ही इस वेपोराइजर क्रमांक-1 का जीर्णोद्धार करके नवीनीकरण कर लिया गया जो की एक उल्लेखनीय कार्य है। इससे संयंत्र को बहुमूल्य मुद्रा की बचत संभव हुई एवं अनवरत प्रोपेन आपूर्ति सुनिश्चित की गई तथा विभागीय टीम के कार्य का दबाव भी कम हुआ। इस उल्लेखनीय कार्य को महाप्रबंधक रमेश प्रसाद अहिरवार के नेतृत्व में विभागीय टीम ने संपन्न किया। इस प्रकार टीम के समग्र व अथक प्रयास से इस मॉडिफिकेशन को अंजाम दिया गया।

इस पुर्नजीवित वेपोराइजर का उदघाटन बुधवार 23 नवम्बर को मुख्य महाप्रबंधक उपयोगिताएँ जी ए सोरते के करकमलों से सम्पन्न हुआ। उन्होंने अपने उदबोधन में इस उत्कृष्ट पहल की प्रशंसा करते हुए कहा की प्रोपेन की अनवरत आपूर्ति के साथ-साथ आर्थिक बचत भी की गई। इस अवसर पर प्रोपेन प्लांट-1 विभाग से डी पी सिंह तुंग, के आर चौरेन्द्र, धनसाय साहू, जगन मूड, निलेश भांगे, छोटेलाल, सरोज चौरसिया और संजय प्रसाद व अन्य कार्मिकगण उपस्थित रहे

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