Mahasamund News: वन विकास निगम या वन विनाश निगम? जंगलों में दो महीने से चल रही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई, ग्रामीणों ने कह दी ये बड़ी बात

महासमुंद: Mahasamund News: एक ओर सरकार जहां हरित क्षेत्र बढ़ाने की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर वन विकास निगम के कारनामे देख ग्रामीण अब इसे ‘वन विनाश निगम’ कहने लगे हैं। महासमुंद जिले के ग्राम मोंहदी से लगे घने जंगलों में बीते दो माह से हजारों की संख्या में हरे-भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है जिससे ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है।
नियमों को ताक पर रखकर की जा रही पेड़ों की कटाई
Mahasamund News: ग्रामीणों का आरोप है कि यह कटाई खुद वन विकास निगम द्वारा कराई जा रही है। हैरानी की बात यह है कि इमारती लकड़ी, जलाऊ लकड़ी के साथ-साथ फलदार पेड़ों को भी बेरहमी से काटा गया है। वन विभाग के नियमों के अनुसार, 11 साल से कम आयु के पेड़ों को नहीं काटा जा सकता, लेकिन यहां 3 से लेकर 7 साल तक के पेड़ों को भी नहीं बख्शा गया।
रोजगार और पर्यावरण पर गहराया संकट
Mahasamund News: मोंहदी के सघन और संपन्न जंगलों में कई फलदार वृक्ष मौजूद हैं, जिन पर ग्रामीणों की आजीविका टिकी हुई है। इन जंगलों से ग्रामीण वनोपज एकत्र कर आजीविका चलाते हैं, लेकिन अब फलदार वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से रोजगार पर सीधा असर पड़ने की आशंका है। वन सुरक्षा समिति को इस कटाई के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही ग्रामीणों से सलाह ली गई, जिससे स्थानीय सहभागिता और पारदर्शिता के सवाल खड़े हो रहे हैं।
ग्रामीणों में गहरा रोष
Mahasamund News: ग्रामीणों ने बताया कि कटाई की प्रक्रिया पूरी तरह मनमानी और नियमों के खिलाफ है। उनका कहना है कि वन विकास निगम की यह कार्रवाई जंगलों के अस्तित्व और उनके संरक्षण पर सीधा हमला है। पेड़ों की आयु, प्रजाति और उपयोगिता की अनदेखी करते हुए बड़े पैमाने पर वन विनाश किया जा रहा है।