प्रेमी के कारण छोड़ा मां बाप….उसी प्रेमी ने बेरहमी से किया प्रेमिका का कत्ल…..पढ़िए आगे…
दिल्ली पुलिस ने महरौली के जंगल से कुल 13 हड्डियां बरामद की हैं. फोरेंसिक टीम को भी आफताब के किचन से कुछ ब्लड स्टेन मिले हैं. मगर ये हड्डियां और खून के निशान किसी इंसान के ही हैं, इस बात का खुलासा तो फोरेंसिक जांच के बाद ही होगा. अब दिल्ली पुलिस को उम्मीद है कि मौका-ए-वारदात यानी आफताब के फ्लैट के किचन और बाथरुम की ड्रेनेज लाइन से कुछ ना कुछ ऐसे सबूत ज़रूर मिलेंगे, जिससे ये साफ हो जाएगा कि श्रद्धा वॉल्कर का कत्ल हो चुका है.
18 नवबंर को खत्म होगी पुलिस रिमांड
अपने इश्क को खूनी अंजाम तक पहुंचाने वाला आफताब अमीन पूनावाला दिल्ली के महरौली पुलिस स्टेशन में बंद है. पिछले चार दिनों से आफताब को उसी थाने में रखा गया है. जहां पांच आला पुलिस अफसरों की एक टीम लगातार उससे पूछताछ कर रही है. फिलहाल दिल्ली पुलिस के पास एक और दिन की मोहलत है. क्योंकि पांच दिन की पुलिस हिरासत 18 नवंबर को खत्म हो जाएगी. लेकिन इन चार दिनों की लंबी पूछताछ के बावजूद पुलिस के हाथ अब भी लगभग खाली हैं.
जंगल से बरामद की गईं 13 हड्डियां
तीन दिनों की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस अब तक ना उस आरी को ढूंढ पाई है, जिससे श्रद्धा का कत्ल हुआ था. ना श्रद्धा का मोबाइल ढूंढ पाई है. और तो और जंगल से बरामद की गईं 13 हड्डियां श्रद्धा की लाश की ही हैं, ये भी फिलहाल पुलिस पुख्ता तौर पर नहीं कह रही है. यानी कुल मिलाकर इस वक्त की तस्वीर ये है कि कातिल के नाम पर आफताब तो पुलिस थाने में बंद है, लेकिन जिस श्रद्धा का कत्ल हुआ है, उसके कत्ल के कोई सबूत नहीं हैंअदालत ने दी नार्को टेस्ट की इजाजत
पुलिस को भी इस बात का अहसास है, इसीलिए अब पुलिस आफताब की जुबान की बजाय उसके दिमाग से कत्ल का राज बाहर निकलवाना चाहती है. इस बीच अदालत ने आफताब के नार्को टेस्ट की इजाजत भी दे दी है. हालांकि पुलिस सूत्रों के मुताबिक अच्छी खबर ये है कि आफताब की निशानदेही पर महरौली के जंगलों और नालों से अब तक कुल 13 हड्डियां बरामद की गई हैं, जो हड्डियां बरामद हुई हैं वो सभी शरीर के पिछले हिस्से की हैं. खास कर री़ढ़ की हड्डी के निचले हिस्से की. हड्डियों की फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतज़ार
इनमें से कुछ हड्डियां जंगल में यूं ही पड़ी मिलीं तो कुछ नालों से निकाली गईं. हालांकि इन हड्डियों को नंगी आंखों से देख कर ये कह पाना मुश्किल है कि हड्डियां इंसान की हैं या जानवर की. इसीलिए पुलिस भी पुख्ता तौर पर कुछ कहने की बजाय हड्डियों की फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है. सभी हड्डियां फॉरेंसिक जांच के लिए भेजी जा चुकी हैं. जबकि लाश के बाकी टुकड़ों की तलाश महरौली के जंगलों में अब भी जारी है. पुलिस की टीम आफताब को लेकर अब तक कई बार जंगलों की खाक छान चुकी हैक्राइम सीन किया रीक्रिएट
जंगल के अलावा पुलिस की एक टीम आफताब को लेकर छतरपुर के उस घर में भी गई, जहां श्रद्धा का कत्ल हुआ था. पुलिस के साथ फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की एक टीम भी थी. घर के अंदर फोरेंसिक टीम ने बाकायदा श्रद्धा के कत्ल का रीकंस्ट्रक्शन भी किया. आफताब ने बताया था कि उसने श्रद्धा का कत्ल फर्श पर श्रद्धा के सीने पर बैठ कर उसका गला घोंट कर किया था. फोरेंसिक टीम ने उसी हिसाब से कमरे के अंदर आफताब की मौजूदगी में पूरे सीन को रीक्रिएट किया. मौका-ए-वारदात की बारीकी से जांच
लेकिन इस रीक्रिएशन से पहले फोरेंसिक टीम ने पूरे एहतियात के साथ पूरे घर के एक-एक कोने को छान मारा. फर्श से लेकर दीवार छत कपड़े अलमारी फ्रिज बाथरूम खिड़कियां नल बाथरूम की नाली की बारीकी से जांच की. किचन में फोरेंसिक टीम को फर्श और दीवार पर कुछ निशान मिले. शक है ये खून के धब्बे हो सकते हैं. लेकिन पुख्ता तौर पर तभी कहा जा सकता है, जब इसकी फोरेंसिक रिपोर्ट आ जाए.
फ्रिज से लिए गए नमूने
हालांकि आफताब ने उस फ्रिज को कई बार केमिकल से धोया और साफ किया, जिस फ्रिज में उसने करीब 20 दिनों तक श्रद्धा की लाश के टुकडे रखे थे. फोरेंसिक टीम ने फ्रिज से भी कई नमूने उठाए. फोरेंसिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई बार साफ सफाई या केमिकल से धुलाई के बावजूद कोई ना कोई निशान या सबूत रह ही जाता है. इसी उम्मीद में फ्रिज के कुछ नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं. कपड़े-चादर भी जब्त
फोरेंसिक टीम के मशवरे पर दिल्ली पुलिस ने आफताब के घर से उसके कुछ कपड़े और चादर भी जब्त किए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि आफताब ने 20 दिनों तक लाशों के टुकड़े करने के बाद उन्हें ठिकाने लगाया था. बहुत मुमकिन है लाश के टुकड़े करते वक्त कुछ निशान उसके कपड़ों पर रह गए हों, इससे भी जांच में काफी मदद मिल सकती है. कूड़ा गाड़ी में फेंके थे श्रद्धा के कपड़े
घर की तलाशी के दौरान पुलिस को श्रद्धा के कुछ कपड़े जरूर मिले हैं. लेकिन वो सारे कपड़े धुले धुलाए थे. आफताब ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि कत्ल के बाद लाश के टुकड़े करने के लिए उसने श्रद्धा के कपड़े उतार लिए थे. फिर उन कपड़ों को दो दिन बाद एक पॉलीथिन में डाल कर घर के करीब ही कूड़े की एक गाड़ी में डाल दिया था. शायद 20 या 21 मई को. पुलिस की एक टीम उस कूड़ा गाड़ी और उस तारीख के कूडें को तलाशने का काम भी कर रही थी.
पूरे ड्रेनेज सिस्टम की जांच
आफताब के कबूलनामे के मुताबिक उसने श्रद्धा की लाश के टुकड़े पूरे दो दिनों तक घर के बाथरूम में किए थे. उसने ये भी बताया कि जब वो लाश के टुकड़े करता था, तब नल और शावर दोनों खोल देता था. ताकि पानी की मदद से लाश के छोटे-मोटे टुकड़े या खून थक्के पानी के बहाव में नाली से निकल जाए. फोरेंसिक एक्सपर्ट्स के मुताबिक आफताब के घर के बाथरूम की नाली, नाली की पाइप और जिस जगह ये नाली जाकर बड़े नालों में मिलती है, उनकी जांच करने पर लाश के कुछ ना कुछ टुकड़े जरूर मिलेंगे. भले ही वो टुकडे बहुत छोटे हों. इसीलिए फॉरेंसिक टीम आफताब के बाथरूम से निकलनेवाली नाली और उसके पूरे ड्रेनेज सिस्टम की भी जांच करने जा रही हैनाली की जांच से मिल सकता है सबूत
फोरेंसिक टीम को यकीन है कि भले ही आफताब लाशों के टुकडों को लेकर पुलिस को गुमराह कर रहा हो, लेकिन अगर उसने घर के बाथरूम में ही श्रद्धा की लाश के टुकड़े किए हैं, तो ये नाली की जांच से बिल्कुल साफ हो जाएगा. आफताब के बयान के मुताबिक उसने श्रद्धा का कत्ल 18 मई की रात को किया था. जबकि लाश के टुकडे 19 और 20 मई को. 20 मई को लाश के टुकड़े करने के दौरान आरी से उसके हाथ पर भी चोट आ गई थी. हाथ से खून निकलने लगा था. इसी के बाद वो हाथ दिखाने डॉक्टर के पास गया था. अहम सबूत बन सकता है श्रद्धा का मोबाइल
पूछताछ के दौरान आफताब ने ये भी बताया कि उसने श्रद्धा का मोबाइल मुंबई में कहीं फेंका है. इस केस में श्रद्धा का मोबाइल एक अहम सबूत साबित होगा. लेकिन मोबाइल से पहले पुलिस लाशों के टुकडों को ढूंढ कर पहले ये पुख्ता कर लेना चाहती है कि कत्ल सचमुच श्रद्धा का ही हुआ है. इसीलिए 18 नवंबर को आफताब की पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद मोबाइल ढूंढने बाद में उसे मुंबई भी ले जाया जा सकता है. 18 मई को श्रद्धा का कत्ल करने के बाद आफताब 2 बार महाराष्ट्र, वसई अपने घर गया था. आखिरी बार वो इसी महीने पालघर जिले के वसई में अपने घर गया था.
वसई पुलिस ने भी आफताब से की थी पूछताछ
दरअसल, आफताब का परिवार वसई से मुंबई शिफ्ट हो रहा है. इसी शिफ्टिंग में मदद के लिए वो अपने घर गया था. इससे पहले अक्टूबर के आखिर में भी वो वसई गया था. तब वसई पुलिस ने श्रद्धा के पिता की शिकायत पर श्रद्धा की गुमशुदगी को लेकर आफताब से पूछताछ भी की थी. हालांकि श्रद्धा का मोबाइल गायब है, लेकिन उसकी कॉल डिटेल ने बहुत सारा सच उगल दिया है.
श्रद्धा का मोबाइल चला रहा था आफताब
आफताब ने पुलिस को पहले बयान दिया था कि 22 मई के बाद से श्रद्धा और उसके बीच कोई बातचीत नहीं हुई. जब वो गुस्से में घर छोड़कर चली गई थी. लेकिन जब आफताब के मोबाइल को खंगाला गया, तो पता चला कि 26 मई को श्रद्धा के मोबाइल के नेट बैंकिंग एप से आफताब के खाते में 54 हजार रुपये ट्रांसफर हुए थे. जाहिर है तब तक श्रद्धा का फोन आफताब के ही पास था. 31 मई को श्रद्धा के मोबाइल के ही एकाउंट से इंस्टाग्राम पर उसके एक दोस्त से चैट हुई थी. ये चैट श्रद्धा बन कर आफताब ही कर रहा था.
आफताब के पास नहीं इस सवाल का जवाब
जब इस चैट को लेकर श्रद्धा के मोबाइल को खंगाला गया तो पता चला कि 31 मई को भी श्रद्धा के मोबाइल की लोकेशन छतरपुर ही थी. 26 मई को 54 हजार रुपये का जो बैंक ट्रांसफर हुआ था, उसकी लोकेशन भी छतरपुर ही निकली थी. जब आफताब से पूछा गया कि 22 मई को श्रद्धा उससे झगड़ा करके घर छोड कर चली गई थी, सारा सामान घर में ही छोड गई थी और सिर्फ अपना मोबाइल साथ ले गई, तो फिर उसके अगले 10-15 दिनों तक उसके मोबाइल की लोकेशन छतरपुर ही क्यों आ रही थी? तब आफताब के पास इसका कोई जवाब नहीं था.अभी तक नहीं मिली इलेक्ट्रिक आरी
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक जिस आरी से आफताब ने श्रद्धा की लाश के टुकडे किए, उस आरी के बारे में भी उसने यही बताया है कि टुकड़ों के साथ आरी भी महरौली के नाले में फेंक दी थी. पुलिस की कई टीमें सफाई कर्मियों की मदद से अलग-अलग नालों से आरी की तलाश कर रही है. हालांकि कत्ल का ये सबसे अहम सबूत अब तक हाथ नहीं आया है.
फोरेंसिक जांच पर ही टिका है पूरा केस
कुल मिलाकर ये पूरा केस इस वक्त पूरी तरह से फोरेंसिक जांच पर ही टिका हुआ है. इसीलिए दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा के घरवालों के डीएनए सैंपल भी उनकी मर्जी से हासिल कर लिए हैं. बरामद हड्डियां और बाकी सबूत जब ये साबित कर देंगे कि हड्डियां इंसानी ही हैं, तो फिर श्रद्धा के घरवालों के डीएनए सैंपल से इनका मिलान कराया जाएगा. जिससे ये साबित होगा कि लाश के ये टुकड़े श्रद्धा के ही हैं.
पुलिस को गुमराह कर रहा है आफताब
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफताब के घर से कुछ नॉवेल और लिटरेचर भी मिला है. जिससे पता चलता है कि उसे पढ़ने लिखने का भी शौक था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसे क्राइम, क्राइम इनवेस्टिगेशन और फॉरेंसिक साइंस की भी अच्छी खासी जानकारी है. शायद यही वजह है कि तीन दिनों से पुलिस की हिरासत में होने के बावजूद वो पुलिस को सहयोग करने की बजाय उसे गुमराह ज्यादा कर रहा है. उसकी इसी होशियारी को देखते हुए ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस रैंक के अफसर को पूछताछ की टीम में शामिल किया गया है.
कातिल को कातिल साबित करने के लिए चाहिए सबूत
अमूमन किसी बडे जुर्म के बाद पुलिस मुजरिमों के पीछे भागती नजर आती है, पर हाल के वक्त का शायद ये इकलौता ऐसा केस है, जिसमें कातिल पुलिस की गिरफ्त में है, फिर भी पुलिस जंगल-जंगल भटक रही है. भटक रही है क्योंकि कातिल को कातिल साबित करने के लिए सबूत चाहिए. और फिलहाल सबूत इसी जंगल में ही कहीं छुपा हुआ है.