बिलासपुर से संचालित हो रहा रतनपुर नगर पालिका मीटिंग का बहना,दफ्तर ही नहीं आना नियम ताकपर रतनपुर नगर पालिका भले ही नागरिको को बेहतर सुविधाओं के लिए बनाय गया है मगर नगरीय निकाय नागरीकों के काम नहीं आ रहा। विभाग के प्रमुख जवाबदार अधिकारी रोज बिलासपुर से अप-डाउन कर विभाग चला रहें है। शासकीय कार्यों का समय पर निष्पादन नहीं हो पा रहा है और आम नागरिक अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भटकते फिर रहे हैं

रतनपुर–बिलासपुर से 25 किलोमीटर की दूरी पर रतनपुर है जहां नगर पालिका सीएमओ मुख्यालय से बाहर रहते हैं। मुखिया के मुख्यालय से बाहर रहने के कारण नगरपालिका के कई कर्मचारी भी सीएमओ का अनुसरण करते हुए मुख्यालय से बाहर निवास करते हैं। जबकि शासन का आदेश है कर्मचारी, अधिकारी का निवास मुख्यालय में ही होना चाहिए। शासन के आदेश के प्रति नगर पालिका सीएमओ व उनके कर्मचारी बेपरवाह हैं। सीएमओ की देर से दफ्तर आना और आफिस से समय पहले वापस चले जाना आदत बन गई है। इन्हें कोई रोकने वाला है ना कोई टोकने वाला यह अपने मर्जी के मालिक बन बैठे हैं।आखिर जनता की समस्या का हल कैसे होगा जब इस तरह के अधिकारी अपनी मनमर्जी से कार्य करेंगे सरकार चाहे किसी के भी दो तंत्र को ठीक करने के लाख कोशिश करें लेकिन अधिकारियों के कारनामे के चलते शासन-प्रशासन बदनाम हो रहा है वहीं जन आक्रोश दिनों दिन बढ़ता जा रहा है।
क्या कहता है नियम…
किसी भी शासकीय कर्मचारियों को अपनें मुख्यालय से 8 किलो मीटर की परिधि पर ही रहना होता है। बिलासपुर से रतनपुर की दुरी 25 किलो मीटर की दुरी है। ऐसे में साहब का मुख्यालय बिलासपुर माना जाय या रतनपुर यह समझ से परे है। यह हाल अमूमन सभी विभाग का है क्योकि यहां से पाली,कोटा,बिलासपुर तक अधिकारी कर्मचारी रोज अप डाउन कर के नौकरी में समय काट रहें है।
वही हमने इस मामले पर नगरपालिका के सीएमओ मनीष वारे से फोन में बात करने की कोशिश की गई लेकिन ओ फोन रिसीव नहीं कर रहे l