छत्तीसगढ़

रेलवे अंडरब्रिज निर्माण के प्रारंभ में ही विवादों में, व्यापारी बैठे धरने पर कहा:रसूखदार के अवैध दुकान को तोडऩे के बदले बदल दिये लेआउट

 

भिलाई। सुपेला रेलवे क्राङ्क्षसग में बन रहा रेलवे अंडरब्रिज निर्माण के प्रारंभ में ही विवादित होता जा रहा है। दक्षिण आकाशगंगा की ओर एक अवैध रूप से बने रसूखदार की दुकान को बचाने पूरा ले आउट ही बदल दिया गया ओर अण्डब्रिज का निर्माणा बीचोबीच होना था लेकिन इस अवैध दुकान को संरक्षित करने पूरी तरह दक्षिण गंगोत्री की ओर दबाया जा रहा है जिसके कारण यहां दुकानों पर जाने के लिए रास्ता ही नही बचेगा इसके कारण यहां स्थित  करीब 70 से 80 दुकानें बंद हो जायेगी और यहां के दुकानदार भूखे मर जायेंगे। इसलिए इसके विरोध में दक्षिणगंगोत्री के व्यपारी तीन दिनों से धरने पर बैठ गए हैं।

इस मामले को लेकर दक्षिण गंगोत्री के व्यापारियों ने पत्रकारवार्ता लेकर अपनी पीड़ा बताते हुए अध्यक्ष परामानंद यादव एवं अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि पहले अंडरब्रिज को आकाशगंगा और दक्षिण गंगोत्री मार्केट के बीचो बीच से गुजारा जा रहा था। अब एक अवैध दुकान को बचाने के लिए ब्रिज को दक्षिण गंगोत्री की तरफ खिसकाया जा रहा है। इससे वहां व्यापार कर रहे 50-60 व्यापारियों की दुकाने पूरी तरह से बंद हो जाएंगी।

व्यापारी पीएन यादव ने बताया कि सुपेला भिलाई में लगभग 45 करोड़ की लागत से रेलवे अंडरब्रिज का निर्माण कार्य शासन एवं रेलवे द्वारा किया जा रहा है। इस अंण्डरब्रिज निर्माण में निर्माणाधीन स्थल के सभी व्यवसायियों और उपभोक्ताओं की अनदेखी कर निर्माण काय किया जा रहा है जिससे यहां के दुकानदारों का पूरा व्यापार चौपट हो जायेगा।उक्त निर्माणाधीन स्थल पर पर्याप्त भूमि लगभग 128 फीट उपलब्ध है तथा उपलब्ध भूमि के केन्द्र से दोनो तरफ एक समान भूमि लेकर निर्माण कार्य करते हुए अंडरब्रिज को छोटा बनाया जाये जिससे व्यवसायियों और आमजनता कोअसुविधा नही होगी और आवागमन सुचारू रूप से हो सकेगा।

अध्यक्ष  यादव ने आगे कहा कि इस ब्रिज को पहले पुरानी सड़क के मिड प्वाइंट से बारबर बराबर भाग में निकालना था। इससे ब्रिज के किनारे स्थित दक्षिण गंगोत्री की दुकानों में आने जाने के लिए 10-15 फुट की जगह बच रही थी।

वहीं दूसरी तरफ आकाश गंगा मार्केट का भी कोई नुकसान नहीं हो रहा था। कलेक्टर ने दौरा कर यही लेआउट पास किया था। अचानक अकाशगंगा की तरफ बनी एक अवैध दुकान को बचाने के लिए के लिए लेआउट को ही बदल दिया गया। ब्रिज को दक्षिण गंगोत्री की तरफ खिसका दिया गया। इससे वहां की दुकानों में जाने के लिए एक भी फुट रास्ता नहीं बच रहा है। उन्होंने आगे कहा इस मामले को लेकर कलेक्टर के पास हम लोग गये थे तो कलेक्टर ने हमें दो दिनों में इस समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया था लेकिन अब तक इसका निराकरण नही किया गया। इन्होंने आरोप लगाया कि आकाशगंगा की ओर एक ऐसे अवैध दुकान को बचाने के लिए अण्डब्रिज को दक्षिण गंगोत्री की ओर पूरी तरह दबाया जा रहा है जिसका दुकान क्रमांक 0 है। जबभी कही दुकानों का आबंटन होता है तो दुकान क्रमांक 1 से होता है लेकिन इस अवैध दुकान का क्रमांक 0 है। लेकिन इस दुकान को राजनैतिक संरक्षण करने का के उद्देश्य से पक्षपातपूर्ण व्यवसायीगण और आम जनता की सलाह व सुविधा को अनदेखी कर इस प्रकार के निर्माण से दक्षिण गंगोत्री के व्यापारियों का व्यापार चोैपट हो जायेगा और यहां के व्यापारी बेरोजगार हो जायेगे और भूखे मरने की नौबत आ जायेगी। पत्रकारवार्ता में अनिल शर्मा, मो. अहमद खान, राहुल यादव, राजेश, संजय खुराना सहित व्यापारी संघ के अध्यक्ष उपस्थित थे।

निगम कमिश्नर को दुकानदार सौंपेंगे चाबी
व्यापारियों का कहना है कि यदि उनकी दुकानें बंद हुई तो 5 हजार से अधिक लोग बेरोजगार हो जाएंगे। वह भूखों मरने के कगार पर आ जाएंगे। यदि पुराने लेआउट से ब्रिज का निर्माण नहीं हुआ तो व्यापारी अपनी जान की परवाह किए बिना ब्रिज के विरोध में धरने पर बैठे रहेंगे। इतना ही नहीं वो लोग एकजुट होकर निगम कमिश्नर को चाबी सौंपेंगे और मांग करेंगे कि वो उनके व उनके कर्मचारियों के घरों में खाने के लिए राशन का इंतजाम करें।

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