सेमरताल में विगत 70 वर्षों से अखंड प्रभात फेरी संचालित

*सेमरताल में विगत 70 वर्षों से अखंड प्रभात फेरी संचालित*
रक्तवीर घनश्याम श्रीवास
भूपेंद्र रिपोर्टर…
बिलासपुर,
*ग्राम सेमरताल में अखंड प्रभात फेरी का शुभारंभ सन् 1952 में शरद पूर्णिमा के दिन किया गया।*
*शुभारंभ दिनांक से आज तक कितनी बाधाएं आई, पानी गिरे, बर्फ गिरे, बिजली गिरे समिति के सदस्यों के घर में दुख आया सुख आया अनेकों विपदा आई अनेकों संपदा आई न तो दुख में सदस्य विचलित हुए और न सुख में अहंकार आया, कैसी भी परेशानी आए सभी अखंड प्रभात फेरी के सदस्य चाहे एक सदस्य हो, प्रभात फेरी अनवरत। आज दिनांक तक चलता, फलता फूलता आगे बढ़ रहा है*
*अखंड प्रभात फेरी की शुरुआत ग्राम सेमरताल में एक संत पुरुष ग्राम बिरकोना के उपाध्याय परिवार से एक सन्यासी संत हुए जिनका शुभ नाम श्रीश्री108श्री श्रीरामभिक्षुक महाराज की प्रेरणा से ग्रामवासियों के द्वारा किया गया।*
*उस समय अखंड प्रभात फेरी के संस्थापक सदस्य व आज तक जो-जो सदस्यगण सक्रिय भूमिका में है उनके नाम इस प्रकार है*
*परम आदरणीय बैकुंठवासी श्री हजारी प्रसाद पांडेयजी, माधो प्रसाद कौशिक, बैकुंठवासी मोहनलाल गुरुजी, मालिक राम यादव, समेलाल लाल गहवई जी, बुद्धु सिंह ठाकुर, भुवन भास्कर धीवर, दरसराम कौशिक, मालिक राम यादव, राजाराम श्रीवास, चंदूलाल साहू, लखन लाल धीवर, जीवराखन विश्वकर्मा, फागूराम साहू, चैतू राम साहू, कौशल प्रसाद दुबे, नर्मदा प्रसाद दुबे, माखनलाल गहवई, रामूलाल पांडेय, भुवनलाल कोरी, फागूराम साहू, मनहरण लाल गहवई, सीताराम पांडेय, गोपकुमार कौशिक*
*श्री संतराम साहू, दिलीप कुमार कौशिक, पूनाराम धीवर, उमेदराम धीवर, सुरेंद्र पांडेय, लखन लाल साहू, मनीष कौशिक, शिवकुमार साहू, साकेतबिहारी कौशिक आदि*
*उक्त सभी ग्राम के गणमान्य नागरिक सक्रिय रूप से अखंड प्रभात फेरी के सदस्य थे और हैं। अपना अमूल्य समय देकर अखंड प्रभात फेरी समिति के माध्यम से रचनात्मक सहयोग करके गांव के विकास में सहभागी बनकर अपने जीवन को कृतार्थ कर रहे हैं। प्रति वर्ष शरदपूर्णिमा के दिन पूरे गांव में एक एक घर में एक अलग उत्सव का वातावरण रहता है, प्रत्येक घर के दरवाजे में धर्म ध्वजा कीर्तन भजन करते हुए अखंड प्रभात फेरी समिति के सदस्य और समस्त ग्रामवासी जाते हैं, जिनका स्वागत प्रत्येक घर में माता, बहने, रंगोली बनाकर, दीप प्रज्वलित कर की जाती है और उस धर्म ध्वजा की पूजा कर भेंट दी जाती है।*
*रात्रि को रामचरितमानस गायन, भजन, प्रवचन होता है, प्रात:काल में पूरे ग्राम वासियों को मंदिर परिसर से खीर, पुडी़, पंचामृत, और विभिन्न प्रकार के प्रसाद वितरण किया जाता है, तत्पश्चात कार्यक्रम संपन्न होता है।*