रासेयो-दशरंगपुर ने “लैंगिक संवेदनशीलता” पर कार्यशाला का किया आयोजन
रासेयो-दशरंगपुर ने “लैंगिक संवेदनशीलता” पर कार्यशाला का किया आयोजन
कवर्धा छत्तीसगढ़
लैंगिक संवेदनशीलता मतलब “व्यवहार परिवर्तन” अर्थात् महिलाओं को भी उनकी योग्यता-बौद्धिक विकास व विचार के अनुसार, पुरूषों की भांति-समान रूप से सम्मान का विचार-व्यवहार रखना है ।” यह विचार “लैंगिक संवेदनशीलता”पर ,शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय -दशरंगपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना की संयुक्त व महिला इकाई द्वारा आयोजित कार्यशाला में महिला कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश नंदिनी व्यक्त कर रही थी। उक्त कार्यशाला प्रभारी प्राचार्य श्रीमति ममता मिश्रा के “प्रभार ” में संचालित हुआ । संयुक्त इकाई के कार्यक्रम अधिकारी हेमधर साहू ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि-“”लैंगिक आधार पर महिलाओं को परंपरागत रूप से कमजोर मानते हैं जिससे महिलाएं या बालिकाएं घर तथा समाज दोनों जगहों में ;शोषण,अपमान व भेदभाव से पीडित हैं । इसी “लैंगिक संवेदनशीलता ” को बढावा देने के लिए ,सरकार द्वारा शिक्षा ,व कानूनी तौर पर उनके अधिकारों में इजाफा कर ,पुरूषों के समान लाने का पुरजोर कोशिश कर रही है।”” एसएमडीसी अध्यक्ष महेश केशरी व पूर्व एस एम डी सी अध्यक्ष नरेश केशरी ने “जेंडर गेप को “” दूर करने के सरकार के उपायों”” को बताया।