छत्तीसगढ क्रांति सेना ने बेरोजगार चौक पर हसदेव में पेड़ काटे जाने के विरोध में सीएम का जलाया पुतला गृहमंत्री सहित अन्य मंत्रियों के विरोध में जमकर लगे नारे

भिलाई। छत्तीसगढिया क्रांति सेना के जिला उपाध्यक्ष राहुल वर्मा के नेतृत्व में सेंट्रल एवन्यू बेरोजगार चौक सिविक सेंटर में कोरबा जिले में हसदेव में चंदन के 8 हजार पेड़ों के काटे जाने के विरोध में सीएम
सीएम भूपेश बघेल का पुतला पुलिस के साथ भारी नोक झोक और झीना झपटी के बीच अंतत: क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने फूंक डाला। पुलिस ने पहले पुतला छीनने का और जला देने पर पानी से बुझाने का प्रयास किया लेकिन क्रांति सेना के कार्यकर्ता पुतला जलाने में सफल हो गये। क्रांति सेना के नेताओं ने तल्ख लहजे में कहा कि कोरबा के हसदेव में जो प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है उसके लिए सीधे तौर पर प्रदेश की कांग्रेस और देश की मोदी सरकार जिम्मेदार है। मोदी जहां एक और अडानी और अंबानी को कोयले की खदानें देकर छग महतारी का अपमान कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार के मंत्री मो. अकबर वन मंत्री, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, टी एस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले में सीधे तौर पर जिम्मेदार है।
छत्तीसगढिया क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री सहित इन सभी मंत्रियों के विरूद्ध जमकर नारे लगाये। हद तो तब हो गई जब क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने तीन थानों के थानेदार और भारी पुलिस बल की मौजूदगी में प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के विरोध में जमकर नारे लगाये और गृहमंत्री की पुलिस मूक दर्शक बनकर देखती रही और इन छत्तीसगगिढयों क्रांति सेना के सामने पुलिस बौनी साहित हुई। हद तो तब हो गई पूरे प्रदेश में छत्तीसगढिया क्रांति सेना का आंदोलन हमेशा पूरे प्रदेश में उग्र और तेवर वाला रहता है। उसके बावजूद भी ना ही पुलिस प्रशासन का कोई भी राजपत्रित अधिकारी और ना ही जिला प्रशासन का जिम्मेदार मजिस्ट्रेट लेबल का अधिकारी मौजूद थे।
ऐसे में नौकरशाह सीधे तौर पर राज्य सरकार की हंसी उड़ाने का काम कर रहे हैं जिससे की राज्य की कांग्रेस सरकार की छवि धूमिल हो रही है। कार्यकर्ताओं ने तल्ख लहजे में कह दिया है कि छत्तीसगढ के आदिवासियों और जल जंगल और जमीन के साथ खिलवाड़ करने वाले लोगों को छत्तीसगढिया क्रांति सेना मुहतोड जवाब देगी। हमारा आंदोलन आगे भी इसी तरह जारी रहेगा, चाहे केन्द्र या राज्य की सरकार हो, उसे हम इसी तरह ललकारते रहेंगे। पुतला दहन और प्रदर्शन करने वालों में छत्तीसगढियां क्रांति सेना के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।