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*संयुक्त संचालक सम्भागीय कार्यालय दुर्ग ने फ़र्ज़ी शिक्षाकर्मी सम्बन्धित फर्जीवाड़े पर ज़िला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बेमेतरा की बेरुखी पर ली सुध*

*बेमेतरा:-* विगत पूर्व 23 अक्टूबर 2020 को डीईओ बेमेतरा में सप्रमाण एक मामले में शिकायत हुई थी। इस मामले पर डीईओ कार्यालय की नकारात्मक और टालमटोल वाली रुख को देखते हुए शिकायत कर्ता नारद सिंह राजपूत ने 29 अगस्त 22 को ज्वाइंट डायरेक्टर संभागीय कार्यालय दुर्ग और डायरेक्टर रायपुर को डीईओ कार्यालय की लापरवाही से कार्यवाही न होने की शिकायत किए थे जिस पर ज्वाइंट डायरेक्टर दुर्ग ने त्वरित एक्शन लेते हुए 08 सितंबर 22 को डीईओ बेमेतरा को प्रकरण पर एक सप्ताह के अंदर तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने नीर्देश दिए है फर्जी शिक्षकों के मामले में डीईओ कार्यालय की गैरजिम्मेदाराना कृत्य का पूरे जिले में चर्चा बना हुआ है। अभी साजा जनपद ने जिन 11 फर्जी शिक्षकों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही करने का पत्र दिए है जिसमे खाली चिट्ठी चिट्ठी बस का खेल हो रहा है जिसके चलते फर्जी शिक्षकों का हौसला बढ़ा हुवा है इस मामले में सीईओ जनपद पंचायत साजा का रवैया भी गैरजिम्मेदाराना है वो डीईओ को अपेक्षित अभिलेख उपलब्ध नही करा पा रही है सीईओ द्वारा अभिलेख उपलब्ध नही कराया जाना पूर्व की तरह फर्जीयो को हमेसा की तरह बचाने का प्रयास तो नही आखिर इन फर्जीयो का मूल अभिलेख है कहाँ कही अभिलेख न देकर फर्जीयो को वाक ओवर देने की साजिश तो नही या सीईओ सिर्फ औपचारिकता निभाने डीईओ को पत्र लिखे है पुराने अनुभव से तो यही प्रतीत होता है

 

*ये था मामला जिस पर शिक्षा विभाग खामोश है*

सन 2007 में भुनेश्वर शुक्ला एवं संगीता शुक्ला की नियुक्ति शिक्षाकर्मी वर्ग 03 के रूप में जनपद पंचायत नवागढ़ में हुई थी चुकी चयन वरीयता सूची में इनका नाम काफी नीचे था जिसके चलते इनका चयन होना नामुमकिन था लेकिन फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र लगाने के बाद इनको 12 अंक का लाभ मिला जिसके चलते ये नियुक्ति पाने में सफल रहे,चूंकि उक्त वर्ष की नियुक्ति में नवागढ़ जनपद में नियुक्ति पर ब्यापक स्तर पर हुए फर्जीवाड़े की जांच हुई थी जिसमे इनको जांच के दायरे से बाहर रखा गया था बाद में नियमो के विपरीत उक्त शिक्षक भविष्य में होने वाली कार्यवाही से बचने के लिए ट्रांसफर नियमो के विपरीत पति पत्नी प्रकरण में ट्रांसफर ले लिए जबकि दोनो पति पत्नी एक विकासखंड में काम कर रहे थे इस स्थिति में इनका पति पत्नी प्रकरण में ट्रांसफर होना संभव ही नही था,

 

*भुनेश्वरशुक्ला के संदिग्ध गतिविधिया बना आरटीआई लगाने का कारण*

 

साजा में ट्रांसफर से आने के बाद इनकी संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए तत्कालीन शिक्षक संघ के अध्यक्ष नारद सिंह राजपूत ने इनके नियुक्ति से संबंधित मामले पर नवागढ़ जनपद पंचायत में आर टी आई से दस्तावेज प्राप्त किया जिसमें कई चौकाने वाले मामला का खुलासा हुआ जिसमे इनका ट्रांसफर गलत तरीके से होना,खेल प्रमाणपत्र का भी संदिग्ध होना,और अनुभव प्रमाणपत्र का भी संदिग्ध होना पाया गया जब इनके अनुभव प्रमाणपत्र के बारे में हाई स्कूल लिमतरा से आरटीआई द्वारा जानकारी प्राप्त की गई तो जो अभिलेख प्राप्त हुवा उसमे उनके द्वारा नियुक्ति के समय प्रस्तुत अनुभव प्रमाणपत्र फर्जी साबित हुआ यह जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ जब जनभागीदारी समिति ने न इनकी नियुक्ति की और न ही स्कूल उपस्थित पंजी में न इनका नाम है न हस्ताक्षर फिर उक्त अनुभव प्रमाणपत्र किसने जारी किया ये तो जांच के बाद ही खुलासा होगा बहरहाल गेंद अब जेडी कार्यालय के पाले में है जहाँ कार्यवाही होना निश्चित है।

 

*”जब डीईओ बेमेतरा से इनके शिकायत पर प्रत्यक्ष कार्यालय जाकर पता किया तो वरिष्ठ लिपिक दीक्षित ने जो फाइल दिखाया उसे देखकर चौक गया मेरे शिकायत पर इस मामले को सीईओ जिला पंचायत ट्रांसफर करने का रिकार्ड दिखया गया जो अनुचित था, जब उक्त शिक्षक सहायक शिक्षक एल बी बन चुका है तो जिला पंचायत भेजने की क्या औचित्य थी मैं डीईओ को एक माह के भीतर कार्यवाही करने आग्रह किया समय सीमा में कार्यवाही नहीं होने से मैं क्षुब्ध होकर सीधे जेडी और संचालक को शिकायत किया तब जाकर अब जांच शुरू हुई डीईओ कार्यालय जिस तरह फर्जीयो को सरंक्षण दे रहा है शिक्षा साचीव के पास मिलकर इनकी संदिग्ध गतिविधियों की शिकायत करूँगा!”*

 

*■सेवा निवृत्त शिक्षक-नारद सिंह राजपूत■*

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