सिम्स के डॉ.बी.पी सिंह गढेवाल की खुलनी लगी पोल, डीएमई ने बनाई तीन सदस्यीय टीम

सिम्स के डॉ.बी.पी सिंह गढेवाल की खुलनी लगी पोल, डीएमई ने बनाई तीन सदस्यीय टीम
भूपेंद्र रिपोर्टर बिलासपुर,
बिलासपुर सिम्स के डॉक्टर बीपी सिंह गढेवाल ने अब तक कितनी अवैध संपत्ति अर्जित की हैं, शासन ने इसकी जांच के आदेश दिया हैं, डीएमई ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई हैं, यह कमेटी डॉ. बीपी सिंह गढेवाल की संपत्ति की जांच करेगी, साथ ही डॉक्टर द्वारा संचालित पैथोलेब की जानकारी भी जुटाई जाएगी, वही फिलहाल डॉ बीपी सिंह गढेवाल से कई बिन्दुओ में जवाब मांगा गया हैं॥
सिम्स में कार्यरत डॉ. बीपी सिंह गढेवाल (पैथोलॉजी प्रोफेसर) के खिलाफ वर्ष 2019 में संचालक चिकित्सा शिक्षा छत्तीसगढ़ में शिकायत की गई थी, इसमे चकरभाठा निवासी प्रकाश टहिल्यानी ने उनपर कई गम्भीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद कोरोना महामारी की वजह से इस मामले की जांच ठंडे बस्ते में चली गई थी, लेकिन अब इसकी जांच शुरू हो गई हैं, संचालक शिक्षा चिकित्सा (डीएमई) ने सिम्स प्रबंधन को आदेश जारी कर जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट पेश करने की बात कही हैं॥
*भ्रष्टाचार के आरोप*
शिकायत में बताया गया है कि डॉ. बीपी सिंह गढेवाल द्वारा पद में रहने के दौरान जमकर भ्रष्टाचार किया गया हैं, सिम्स का प्रभारी अधिष्ठाता व स्वयं स्टोर प्रभारी बनने के बाद उन्होंने एक मेडिकल स्टोर को 7 लाख रुपये का भुगतान किया, वही मिलीभगत करके गैस सिलेंडर की दर 110 से बढ़कर 132 रुपये कर दी, इसके अलावा अन्य कई मामलों में करीब 50 प्रतिशत तक कमीशन कमाया हैं..
*बिना जानकारी के रहते है गायब डॉ गढेवाल*
शासन के आदेश पर सिम्स प्रबंधन ने जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाई हैं, इसमे सिम्स के डीन डॉ. केके सहारे, डॉ. आरती पांडेय, और डॉ. रविकांत दास शामिल हैं, यह कमेटी डॉ सिंह के संपत्ति जी जांच करेगी॥
*जांच कमेटी ने मांगा जवाब*
शासन को दी गई शिकायत में यह कहा गया है कि डॉ. बीपी सिंह ने पत्नी और रिश्तेदारों के नाम पर अवैध रूप से संपत्ति खरीदी हैं, इसके अलावा प्रदेश के कई स्थानों पर अवैध पैथोलैब का संचालन किया जा रहा हैं, इसकी भी जानकारी जुटाई जाएगी, जांच कमेटी ने डॉ बीपी सिंह गढेवाल से इस तरह के बिंदुओं पर जवाब मांगा हैं॥
*शासकीय नौकरी के दौरान डिमलोमा*
शिकायतकर्ता ने शिकायत में यह भी कहा है कि डॉ. बीपी सिंह द्वारा बिना अनुमति अवैध रूप से डिग्री व डिप्लोमा लिया गया हैं, शासकीय कार्यविधि के दौरान उन्होंने कभी भी डिग्री व डिप्लोमा के लिए शासन से अनुमति नही ली हैं, बिना इसके डी.डीब, एम.मेडी, एफसीजीपी, एमबीए और अन्य डिग्री ली हैं, इन डिग्री के पंजीकृत नही होने की बात कही हैं, कमेटी द्वारा इसकी भी जांच की जाएगी॥
*वही उक्त मामले में सिम्स के डीन डॉ. के.के सहारे ने बताया कि डीएमई ने जांच टीम बनाई हैं, शासन के आदेश पर मामलें की जांच कर रही हैं*