दमनकारी कितना भी बलशाली हो भक्तों के सामने ंटिक नहीं सकते- आचार्य पंडित झम्मन शास्त्री
रायपुर- सुन्दर नगर मे आयोजित श्री मद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के द्वितीय दिवस की कथा मे भक्तो को संबोधित करते हुए कथा व्यास आचार्य श्री पंडित झम्मन शास्त्री जी महाराज ने कहा की दमनकारी कितना भी बलशाली हो भक्तों के सामने ंटिक नहीं सकते और भगवान् को खुद उसके उद्धार के लिए स्वयं जन्म लेना पढता है। जैसा कि नृसिंह अवतार में हिरण्यकशिप का वध किया । उन्होंने कहा कि आज भी राकेट ,एटम, कम्प्यूटर व मोबाइल के युग में सर्वप्रथम सनातन धर्म है।आज के समाज की उन्नति का मूल और जड़ उसी सनातन धर्म मे सन्निहित है। जिसके बल पर आज भी अंतरिक्ष की भाषा समझी जाती है यह सब भागवत व सत्संग के द्वारा ही संभव है ।इसलिए भागवत से भागे नहीं सतसंग से भागे नहीं बल्कि भागवत सत्संग में भाग ले उनका भाग बने आज के समय मे भौतिक विकास चरमसीमा में है।भाईचारा कम हो रहा है ।सद्भाव पूर्ण गोष्ठी परिवार व समाज में विलुप्त होती जा रही है ।यह मानव जाति के लिए अच्छा संकेत नही है ।
आचार्य श्री ने मनु महाराज की तीन पुत्रीयो देवहूति, आकूति,प्रसूति का प्रसंग सुनाते हैं ।बताया की भारत देश मे 52 शक्ति पीठो का उद्भाव हुआ । कैसे क्रोध से लिप्त भगवान शिव से बाधित यज्ञ को पूर्ण करने के लिए ।देवताओं ने भगवान् शिव को मनाया ताकि यज्ञ की परंपरा लुप्त न हो और मानव जाति की भावनाएं यज्ञ से इश्वर तक पहुँचती रहे ।
कथा प्रसंग के अंत मे गौरव शर्मा जी रायपुर के समस्त भक्तवृदो को क्षेत्रवासी को कहा की जादा से जादा संख्या में विराजमान होकर कथा का आनंद ले ।
पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य जी महाराज के राष्ट्री रक्षा धर्म रक्षा के दिव्य अभियान में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए आचार्य श्री से मार्ग दर्शन प्राप्त करे ।