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डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति की दो पुस्तकों का विमोचन एवं विशाल कवि सम्मेलन सम्पन्न Dr. Kishan Tandon released two books of revolution and concluded a huge poet conference

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति की दो पुस्तकों का विमोचन एवं विशाल कवि सम्मेलन सम्पन्न
गुरु घासीदास की सुपुत्री सुभद्रा माता की कर्मस्थली ग्राम कुटेला की पावन धरा पर 11 सितम्बर 2022 को अपरान्ह 2 बजे से गुरु घासीदास एवं सुभद्रा माताजी के चित्र में दीप प्रज्जवलित कर पूजा अर्चना पश्चात कार्यक्रम आरम्भ हुआ। कार्यक्रम पूर्व सरपंच श्री मालिक राम घृतलहरे की अध्यक्षता में तथा डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति (उप संचालक, छ.ग. शासन ) के मुख्य आतिथ्य एवं भुवन दास जाँगड़े, प्रेम दास प्रेम, दुर्गा प्रसाद मेरसा, मनोज खाण्डे ‘मन’, गोवर्धन कोशले , बिहारी कोशले, डॉ. जीवन लहरे के विशेष आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम सभी अतिथियों का पुष्पाहार एवं पुष्पगुच्छ द्वारा स्वागत पश्चात डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति की 28 वीं कृति- *”दस्तक”* लघुकथा-संग्रह एवं 29 कृति- *”मुट्ठी भर तिनके”* काव्य-संग्रह का विमोचन उपस्थित साहित्यकारों, समाजसेवियों एवं गणमान्य नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ कलमकार मंच के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति जी को “साहित्य रत्न सम्मान” एवं तिलक तनौदी को “उभरता सितारा सम्मान” प्रदान किया गया । ये सम्मान उन्हें नवलपुर-ढारा प्रदेश स्तरीय कवि सम्मेलन में घोषित किया गया था।

उपस्थित कवियों ने मनमोहक काव्य-पाठ कर समा बांध दिए। स्रोतागण कविता, गीत, ग़ज़ल, छन्द युक्त कविता सुनकर भाव-विभोर हो उठे। तालियों की गड़गड़ाहट से महफ़िल गूंजती रही। ग्रामवासी आश्चर्य चकित थे। वक्ताओं ने कहा कि ऐसा अभूतपूर्व कवि सम्मेलन कुटेला धाम में पहली बार सम्पन्न हुआ। कवि सम्मेलन दोपहर 3 बजे से आरम्भ होकर रात्रि 9 बजे तक चलता रहा। अन्त तक स्रोताओं की जबरदस्त उपस्थिति रही।

उक्त अवसर पर जुगेश बंजारे, बूँदराम जाँगड़े, कार्तिक पुराण घृतलहरे, रमेश भास्कर रसिय्यार, मणिशंकर दिवाकर ‘गदगद’, लछन टण्डन , कमल जाँगड़े, कमलेश ढिंढे कमल, अशोक कुमार बंजारे, ओम प्रकाश पात्रे ‘ओम’, मुकेश भार्गव, हरिश पाण्डल , टेकचंद पाण्डल, कोमल दिवाकर , इंद्र भारद्वाज, खेमचंद कुर्रे, प्रीतलाल कुर्रे, मनोज नारंग, भाई स्वामी राजा, राकेश बारले, डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति, जगतारण डहरे, दुर्गाप्रसाद मेरसा इत्यादि कवियों ने अपनी रचनाओं से स्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

छत्तीसगढ़ शासन से पंजीकृत “छत्तीसगढ़ कलमकार मंच” (पंजीयन क्रमांक 122202277531) के बैनर तले प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकारों, अनेक समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न यह एक अभूतपूर्व आयोजन था। समस्त उपस्थितों को डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति की पुस्तकों- “मन की आँखें” (लघुकथा-संग्रह) एवं “मुस्कान का दर्द” (हास्य व्यंग्य-संग्रह) का वितरण किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में सरपंच मालिक राम घृतलहरे एवं उनकी टीम का उल्लेखनीय सहयोग रहा। आभार प्रदर्शन मालिक राम घृतलहरे ने किया।

कार्यक्रम का प्रभावी संचालन जगतारण प्रसाद डहरे एवं जुगेश बंजारे “धीरज” ने किया।

 

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