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*इफको द्वारा किया गया किसानों के प्रक्षेत्र में ड्रोन द्वारा नैनो यूरिया छिडकाव का प्रदर्शन*

बेमेतरा:-14 सितम्बर 2022-इफको द्वारा ग्राम-मौहाभाटा में किसान पवन साहू के प्रक्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से 10 एकड़ धान फसल मे नैनो यूरिया तरल के छिड़काव का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में आसपास के गांवों के 80 से अधिक प्रगतिशील कृषकों व कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया।

अधिष्ठाता डॉ. आलोक तिवारी ने किसानों को बताया कि ड्रोन तकनीक के माध्यम से इफको नैनो यूरिया का छिड़काव खेती के लिए क्रांतिकारी पहल है। जिससे न केवल खेती की लागत में कमी आएगी बल्कि मजदूरों की समस्या व समय की भी बचत होगी। उन्होंने बताया कि नैनो यूरिया इफको के वैज्ञानिकों द्वारा लंबे अनुसंधान के बाद तैयार किया गया है तथा इसे अनेक कृषि अनुसंधान केंद्रों में परीक्षण के बाद केंन्द्र सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। इसके उपयोग से किसान भाई अपने उपज में 25 प्रतिशत तक वृद्धि पा सकते हैं, तथा यह परंपरागत यूरिया के दुष्परिणामों से भी बचाता हैं। एम.डी. मानकर ने इसकी तकनीकी पहलुओं के बारें में किसान भाईयों से चर्चा किया तथा उनका प्रतिपक्ष लिया उन्होंने इसे खेती के लिए अत्यंत लाभकारी बताया।

 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुमारी देवी चौबे कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र मोहगांव के अधिष्ठता डॉ. आलोक तिवारी, अध्यक्षता एम.डी. मानकर उप- संचालक कृषि, जिला- बेमेतरा, विशिष्ट अतिथि- आर.के. सोलंकी अनुविभागीय अधिकारी कृषि जिला बेमेतरा तथा विनय शर्मा, वरि. कृषि विकास अधिकारी, साजा, दिनेश कुमार गांधी, सहा. प्रबंधक प्रक्षेत्र इफको, दुर्गतथा ड्रोन कम्पनी के रवि साहू रायपुर उपस्थित थे

दिनेश गांधी ने बताया कि इसमें यूरिया के दाने नैनो रूप में होते है, जिनका सतही क्षेत्रफल अधिक होने के कारण आसानी से पौधों द्वारा अवशोषित कर लिए जाते है, तथा अपना प्रभाव दिखाते है। रवि साहू ने बताया कि ड्रोन के माध्यम से 5 मिनट में एक एकड़ खेत में कीटनाशक दवाई, फफूंदीनाशक, नैनो यूरिया व सागरिका का मिश्रण का छिड़काव कर सकते है। तथा एक एकड़ के लिए 10 लीटर पानी की ही आवश्यकता होती है। तथा दवाई की मात्रा को आधा किया जा सकता है। श्री आर.के. सोलंकी ने कहा नैनो यूरिया के प्रयोग से न केवल दानेदार यूरिया की खपत को आधा किया जा सकता है, बल्कि मिट्टी, पानी व वातावरण भी प्रदूषित होने से बच जाता हैं। यह यूरिया से 10 प्रतिशत सस्ता है। इसकी आधा लीटर की बॉटल एक एकड़ के लिए पर्याप्त हैं, जिसकी कीमत मात्र 240 रू. हैं। इसके प्रयोग से सरकार द्वारा दिए जाने वाले करोड़ों रू. का बचत किया जा सकता हैं। विनय शर्मा ने किसान भाईयों को नई तकनीकी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि खेती के लागत को कम किया जा सके व आमदानी में वृद्धि की जा सकें। उन्होंने नई तकनीकीयों को पहले कम से कम एक एकड़ खेत में प्रयोग करने का सलाह दिया ताकि इसके उत्साहजनक परिणामों के आधार पर इसके उपयोग को बढ़ाया जा सके। उन्होंने किसानों को नैनो यूरिया व जैविक कीटनाशक के प्रयोग के लिए भी प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम का संचालन  दिनेश कुमार गांधी, क्षेत्रीय अधिकारी, इफको दुर्ग द्वारा किया गया। तथा कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में रितेश निर्मलकर, लुकेश वर्मा, हेमंत साहू, नारद वर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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