*नगर के जैन समुदाय के द्वारा पर्युषण पर्व जारी उपवास-व्रत का दौर, युवा रत्न चतुर्मास की कड़ी में निरन्तर अग्रसर,आदी बोरा ने 48वां उपवास पूर्णकर समाज में बने प्रेरणास्रोत*
*देवकर:-* स्थानीय जैन मंदिर में नगर के सकल जैन समुदाय के द्वारा चतुर्मास पर्व मनाया जा रहा है। जिसमे जैन धर्मावलंबियों के साथ समाज के पुरुष वर्ग, महिला वर्ग, बुजुर्ग वर्ग एवं बालक-बालिका वर्ग लगातार चतुर्मास से अबतक तप, तपस्या, ध्यान, आराधना, उपवास, अरामबिल, एकासना, आदि के साथ जोरदार तरीके से चतुर्मास पर्व के लिए अग्रसर एवं गतिमान है।
जिसमे नगर के जैन समाज के 19 वर्षीय युवा रत्न आदि बोरा पूरे जैन समाज के छत्तीसगढ़ राज्य में साधुमार्गी संघ में वर्तमान वर्ष 2022 में सबसे ज्यादा उपवास धारण करने वाला शख्स बताया जा रहा है।जिसका विगत कल शुक्रवार 26 अगस्त को 48वां उपवास व्रत धारण किया। ज्ञात हो कि युवा रत्न आदी बोरा नगर के व्यापारी अनिल बोरा एवं ममता बोरा का पुत्र है। जिनका उपवास निरन्तर गतिमान है। जो नगर के समस्त जैन समाज एवं समुदाय के लिए प्रेरणादायक होने के साथ बड़ी हर्ष व गौरव की बात है। वही तपस्या की इस कड़ी में उनके अलावा नगर के ही अन्य व्यवसायी राकेश बोरा व माता प्रतिभा बोरा के सुपुत्र 22 वर्षीय प्रखर बोरा भी 18वां उपवास धारण कर आगे गतिमान है। साथ ही युविका रत्न.कुमारी मुस्कान बोरा चार दिन, एवं 43 जैन समुदाय के भाई-बहनों ने भी सामुहिक तीन दिनों का उपवास व्रत धारण कर लिया है। जिससे नगर के जैन समाज मे पर्व के प्रति उत्साह एवं रौनक लगातार दिखाई पड़ रही है।
*पर्युषण पर्व पर गर्म पानी के सहारे होता है उपवास*
गौरतलब हो कि जैन धर्म मे चतुर्मास बड़ा ही पवित्र एवं कठिन पर्व माना जाता है। इस अवसर पर जैन समाज के समस्त उपासकों द्वारा चतुर्मास काल तक अपनी अपनी इच्छानुसार उपवास-व्रत धारण कर तपस्या करना होता है।जबकि इस दौरान सिर्फ गर्म पानी के सहारे ही जीवनयापन करना पड़ता है, और यह सब सूरज उगने अर्थात सूर्योदय एवं सूरज के डूबने अर्थात सूर्यास्त के पश्चात करना पड़ता है।जिसमे कड़ी तप-तपस्यास, ज्ञान-ध्यान, उपवास-व्रत इत्यादि के साथ पूरा करना पड़ता है। जिससे यह सामान्य जीवनशैली की तुलना में काफी कठिन माना जाता है।