छत्तीसगढ़

सरपंचों ने संसदीय सचिव ठा० रश्मि आशिष सिंह से अपनी मांगों के लिए मांगा समर्थन

सरपंचों ने संसदीय सचिव ठा० रश्मि आशिष सिंह से अपनी मांगों के लिए मांगा समर्थन

भूपेंद्र रिपोर्टर बिलासपुर 13 सूत्रीय मांग को लेकर काम बंद कलम बंद आंदोलन कर रहे क्षेत्र के सरपंचों ने सोमवार को तख़तपुर से बिलासपुर तक बाइक रैली निकाली। संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि सिंह के निवास जाकर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा और समर्थन मांगा।

प्रदेश के सभी सरपंच अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर काम कलम बंद आंदोलन कर रहे हैं।तखतपुर जनपद क्षेत्र के सभी 122 पंचायत के सरपंच भी इस आंदोलन में शामिल है और जनपद कार्यालय के सामने प्रतिदिन धरना देकर अपनी बातें शासन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। सोमवार को आंदोलन के पांचवे दिन सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय के नेतृत्व में जनपद के सामने आन्दोलन के पंडाल के पास जमकर शासन के विरुद्ध नारे बाजी की और बाइक रैली निकाली।
तिरंगे से सजे मोटरसाइकिल में सरपंचों की बाइक रैली तख़तपुर मुख्य मार्ग से होते हुए बिलासपुर तक गई।बिलासपुर में क्षेत्रीय विधायक और संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि सिंह को संघ की ओर से शासन से किये जा रहे मांग का ज्ञापन सौंपा गया।
सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने संसदीय सचिव से अपनी मांगों के लिए समर्थन मांगा। इसके जवाब में उन्होंने उनकी मांग को शासन के समक्ष रखने और पूरी करने का भरसक प्रयास करने का आश्वासन दिया।
प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय का कहना है…
इसके पूर्व जनपद कार्यालय वे सामने सोमवार को आंदोलन राजकीय गीत के साथ प्रारम्भ हुआ और संघ के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय ने कहा कि हम अपने आंदोलन को परिणाम तक पहुंचाकर रहेंगे। यदि आवश्यकता हुई तो हम भूख हड़ताल जैसे कदम उठाने से भी पीछे नही हटेंगे। सरपंचों के लिए 20 हजार पंचों के लिए5 हजार का मानदेय मांगा जाना सर्वथा उचित है। हम भी जनप्रतिनिधि हैं। हमारे पास भी लोग काम लेकर आते हैं उनके चाय पानी की व्यवस्था और अन्य खर्च में ही कई हजार निकल जाते है। साथ ही हमारे पंचायत का छोटे से छोटा कोई काम कराना हो तो शासन से मिलने वाले फण्ड का इंतजार करना पड़ता है।यदि हमें भी विकास निधि के रूप के फण्ड दिया जाये तो उन कामो को त्वरित रूप से कराकर गांव का विकास तेजी से कराया जा सकता है।
पूरे प्रदेश के 11664 सरपंच काम बंद कलम बंद आंदोलन पर है। जब तक शासन हमारी मांगो पर कोई ठोस सकारात्मक निर्णय नही लेती है। आन्दोलन वापस नही होगा।

यह है सरपंच संघ की मांग
सरपंच संघ द्वारा शासन को सौंपे गए ज्ञापन में प्रमुख रूप से यह मांगे है। सरपंचों का मानदेय 20 हजार किया जाना।वही पंचों का मानदेय 5000 किये जाने को मांग की है। प्रति पंचायत सरपंच निधि के रूप में सालाना 10 लाख रुपये देने, सरपंचों को 10000 हजार आजीवन पेंशन देने की मांग के साथ कोरोना काल के समय को कार्यकाल में न मानते हुए सरपंचों के कार्यकाल को दो साल तक आगे बढ़ाने की मांग की गई है।मनरेगा के कार्यों में 40 प्रतिशत राशि अग्रिम भुगतान करने की मांग भी शामिल है।
यह रहे उपस्थित
आज के आंदोलन में जनपद के सामने होरी लाल माथुर, ईश्वर साहू, नंद कुमार भारद्वाज, प्रकाश बंजारे, प्रवीण साहू , सरजू यादव, राजेश महादेवा, नर्मदा प्रसाद, टिकेश लहरें, जगत साहू, उमेश ध्रुव, दिलहरण निषाद, दूजराम कुर्रे, आनंद कश्यप गुरमुखदास, रामेश्वर बघेल, गुरुदयाल, ब्रह्म प्रकाश, संतराम लहरे, बलदेव दिवाकर, जोगी राम साहू, सुंदर पाल रामनरेश वस्त्रकार, नंदकुमार जायसवाल, मधुर सिंह मरावी, तुलसी राम ओटी, गिरधारी साहू, सूरज कोशले, सौखि लाल मरावी, राम कुमार मरकाम, लालाराम पटेल, प्रमोद निर्मलकर, अशोक साहू, मोहर माथुर, राजू खंडे, राम बहोर पटेल, अमित साहू सहित जनपद क्षेत्र के सरपंच और उनके प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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