*सुनवाई के दौरान जिला चिकित्सालय में महिलाओं के निजता भंग होने का मामला आया सामने- आयोग की अध्यक्ष ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कलेक्टर को लिखा पत्र*
बेमेतरा:- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय की अध्यक्षता में आज सोमवार को महिला आयोग की जनसुनवाई कलेक्टोरेट सभाकक्ष में रखी गई। जनसुनवाई के लिए बेमेतरा जिले के 16 विभिन्न मामलों के प्रकरण रखे गये जिसमें से 13 प्रकरणों का निबटारा कर नस्तीबद्ध किया गया। एक प्रकरण सुनवाई के लिए रायपुर स्थानांतरित किया गया। इस अवसर पर महिला जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रमाकांत चंद्राकर, अधिवक्ता शमीम रहमान, डॉ. अखिलेश भारद्वाज, शासकीय अभिभाषक/लोक अभियोजन बेमेतरा दिनेश तिवारी, परियोजना अधिकारी म.बा.वि. मनोरमा साहू सहित उभयपक्ष के आवेदिका एवं अनावेदक उपस्थित थे।
एक प्रकरण के सुनवाई में आवेदिका ने जो आवेदन प्रस्तुत किया है उसके तथ्यों को नहीं बता पा रही है। गांव में सरपंच के लिए गए निर्णय के कारण होने वाली परेशानी को नहीं बता रही अनावेदक सरंपच ने बताया कि आवेदिका ने उसके खिलाफ कई जगह शिकायत किया गया है। कलेक्टर एस.डी.एम. सी.जी.एम. कार्यालय में प्रकरण लम्बित है लेकिन आज कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है। जिला संरक्षण अधिकारी को निर्देशित किया है कि आवेदिका के गांव जाकर प्रकरण की जांच कर आयोग में प्रस्तुत करें ताकि उसके आधार पर निर्णय लिया जा सके। उप निरीक्षक महिला सेल भी दिनांक 12 अगस्त 2022 को चंदनु पुलिस चौकी थाना नांदघाट क्षेत्र के गांव बगौद जाकर इस प्रकरण में आवेदिका की ओर से दो लोगों का एवं अनावेदक पक्ष से दो लोगों से पूछताछ कर प्रतिवेदन आयोग को प्रस्तुत करेंगे जिससे इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका एक शासकीय हायर सेकण्डरी स्कूल के व्यवसायिक शिक्षिका हेल्थकेयर ने स्वीकार किया कि उसने किसी भी प्रकार से आयोग में शिकायत नही की हूं, साथ ही शिकायत आवेदन में जो हस्ताक्षर है वह मेरा नही है इस आधार पर इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसकी जेठ ने संयुक्त संपति से अपनी पत्नी के नाम से संपति बना लिया है। अनावेदक ने इसकी पुष्टि किया है कि पिता जी ने एक मकान में अपने साथ अपने भाई को जीवन यापन के लिए दिया था उसके दूकान से अनावेदक जेठ ने अपनी पत्नी के नाम से कई संपति खरीद लिया है। आवेदिका के पति का दुकान एवं एक प्लाट दिया है और शेष प्लाट एवं पूराने मकान के साथ ही साथ एक नये मकान अपने साथ रखा है। आवेदिका शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में व्याख्याता के पद पर नियुक्ति हो गई है। वह प्रकरण आयोग से कार्यवाही नहीं चाहती है। वह केवल प्रकरण आयोग के समक्ष रखना चाहिती थी ताकि उससे अन्य लोगों का सबक मिले कि शादी के समय लड़की को मां बाप से कोई झूठ न बोल और भविष्य खराब न कर सकें। चूंकि आवेदिका आगे कार्यवाही नही चाहती है। इस प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण की सुनवाई के दौरान जिला चिकित्सालय में महिलाओं के निजता भंग होने का मामला आया सामने- आयोग की अध्यक्ष ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कलेक्टर को पत्र लिखा। आवेदिका को सूचना के बाद अनुपस्थित टेलीफोनिक पर बात करने पर सही जवाब नहीं बताया इस प्रकरण में आयोग की ओर से अनावेदक को सुना है और उन्होने आयोग में प्रस्तुत किया था तो छायाप्रति प्रति संलग्न किया है अपने रिपोर्ट में कलेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत किया है। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
मानव तस्करी रोकथाम (एन्टी ह्यूमन ट्रैफकिंग) अन्य हितधारकों तथा पीड़ितों के पुनर्वास विषय परिचर्चा आयोजित की गई जिसमें बेमेतरा जिले से एक प्रकरण पुलिस थाना देवकर से संबंधित से समाचार पत्रो में प्रकाशित होने पर महिला आयोग द्वारा स्वतः संज्ञान लिया गया। जिसमें एसडीओपी बेरला ने बताया कि विवेचना में यह मामला मानव तस्करी का नहीं पाया गया। इस पर महिला आयोग अध्यक्ष ने संतोष जाहिर किया।